scriptNCRDC ने कहा- बिल्डर हो या होम बायर्स, डेडलाइन के उल्लंघन पर दोनों को देना होगा एक समान ब्याज | NCRDC bench said builder and buyers pay panelty with same interest | Patrika News

NCRDC ने कहा- बिल्डर हो या होम बायर्स, डेडलाइन के उल्लंघन पर दोनों को देना होगा एक समान ब्याज

locationनई दिल्लीPublished: Jun 14, 2019 01:36:47 pm

Submitted by:

Shivani Sharma

NCRDC की बेंच ने घर खरीदारों को लेकर बैठक की है
बेंच के अध्यक्ष ने कहा कि पजेशन या पेमेंट में देरी होने पर बायर्स और बिल्डर को समान दर से ब्याज देना चाहिए
इस समय घर खरीदारों से 18 फीसदी की दर से ब्याज लिया जाता है

NCRDC

NCRDC की बेंच ने होम बायर्स को राहत देने का बनाई योजना, कहा – पजेशन में देरी होने पर समान दर से मुआवजा दें बिल्डर

नई दिल्ली। अगर आपने भी कोई फ्लैट खरीदा है या खरीदने का विचार बना रहे हैं तो आपके लिए ये जरूरी खबर है क्योंकि एनसीडीआरसी ( NCRDC ) ने हाल ही में घोषणा करते हुए कहा है कि घर खरीदारों और बिल्डर्स के पेमेंट करने के सिस्टम में समानता होनी चाहिए क्योंकि इस समय लेट पेमेंट करने पर बायर्स को 18 फीसदी की दर से ब्याज देना होता है। वहीं, अगर बिल्डर फ्लैट का पजेशन देने में देरी लगाता है तो उसको सिर्फ 1.5 से 2 फीसदी की दर से ब्याज देना होता है।

NCRDC के अध्यक्ष ने दी जानकारी

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग ( एनसीडीआरसी ) की एक बेंच के अध्यक्ष जस्टिस आर. के. अग्रवाल और सदस्य एम. श्रीशा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस तरह बिल्डर को लेट पेमेंट होने पर फायदा मिलता है उसी तरह बायर्स को भी लेट पजेशन होने पर फायदा मिलना चाहिए। इसके साथ ही आयोग ने कहा कि किसी भी रीयल एस्टेट कंपनी को होम बायर्स पर किसी भी तरह की एकतरफा शर्तें लादने की अनुमति नहीं दी जा सकती जो फ्लैट खरीदारों की कीमत पर कंपनियों का फायदा पहुंचाएं।


ये भी पढ़ें: अडानी समूह को कोयला खदान के लिए मिली मंजूरी, लंबे समय से परियोजना पर चल रहा था विचार


एक समान दर से ब्याज दिया जाना चाहिए

अध्यक्ष की पीठ ने कहा कि बिल्डर या होम बायर्स दोनों में से अगर किसी की भी तरफ से नियमों का उल्लंघन किया जाए या फिर समय पर पेमेंट या फ्लैट नहीं दिया जाए तो एकसमान की दर से ब्याज का भुगतान किया जाना चाहिए। यानी, अगर बिल्डर प्रोजेक्ट पूरा करने में देरी करे तो उसे भी उसी दर से ब्याज देना चाहिए, जिस दर से वह पेमेंट मिलने में देरी पर बायर्स से ब्याज वसूलता है।


समान दर से बिल्डर को भी देना चाहिए ब्याज

इसके साथ ही अध्यक्षों की पीठ ने कहा कि अगर बिल्डर निश्चित समय सीमा के 4 साल बाद पजेशन दे सकता है तो वह बायर्स को समान दर से ब्याज भी दे सकता है क्योंकि जब बायर्स पेमेंट में देरी करते हैं तो उनसे 18 फीसदी की दर से ब्याज वसूला जाता है और वहीं, अगर बिल्डर समय पर घर न दे उससे भी इसी दर से ब्याज वसूलना चाहिए। हालांकि, कंपनी ने कहा कि अग्रीमेंट के मुताबिक वह सिर्फ 5 रुपए प्रति स्क्वैयर फीट की दर से मुआवजा दे सकता है।


ये भी पढ़ें: जेट एयरवेज के बंद होने के बाद निवेशकों के लिए आई बुरी खबर, 28 जून से शेयरों में नहीं कर पाएंगे ट्रेडिंग


एनसीडीआरसी ने दी जानकारी

इस पर एनसीडीआरसी ने कहा, ‘पता है कि दूसरे पक्ष (कंपनी) ने पेमेंट मिलने में देरी पर घर खरीदारों से सालाना 18 फीसदी की दर से ब्याज वसूला था। ऐसे में 5 रुपए प्रति स्क्वैयर मीटर का मामूली मुआवजा ऑफर करना न्यायोचित नहीं है जो महज 1.4 फीसदी सालाना के आसपास पड़ता है। यह कंपनी द्वारा वसूले गए मुआवजे का बहुत छोटा हिस्सा है।’

Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार,फाइनेंस,इंडस्‍ट्री,अर्थव्‍यवस्‍था,कॉर्पोरेट,म्‍युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो