
ker ka achar
Ker Ka Achar : कैर, सांगरी, कुंता राजस्थान में उगने वाली प्रमुख देसी सब्जियां हैं। इनकी सब्जी बड़े ही चाव से खाई जाती है। केर की सब्जी विशेषतौर से उन लोगों के लिये बहुत फायदेमंद होती है मधुमहे की बीमारी है। केर को सब्जी के लिए अलावा अचार बनाकर भी खाया जाता है। राजस्थान में कैर का अचार (Ker Ka achar) बहुत ही लोकप्रिय है। राजस्थान से बाहर रहने वाले अप्रवासियों में तो यह बहुत ही ज्यादा पसंद किया जाता है। कैर एक ऐसा फल है जिसमें कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए और कार्बोहाइड्रेट्स प्रचुर मात्रा में होता है। कैर और सांगरी की सब्जी एंटीऑक्सीडेंट युक्त होती है और बहुत से रोगों से बचाती है।
कैर का उपयोग (Ker Use)
कैर एक ऐसा फल है जिसके सेवन से कई तरह की बीमारियां ठीक होती है। इसका कई तरह से उपयोग किया जा सकता है। कैर को सुखाकर उसको पीसकर इसका चूर्ण बनाकर सुबह खाली पेट लेने से मधुमेह रोग में आराम मिलता है। कैर के डंठल से बने चूर्ण (Ker ka churan) से कफ और खांसी में आराम मिलता है। कैर की छाल के चूर्ण से पेट साफ रहता है और कब्ज की समस्या दूर होती है। यह पेट संबंधी, जोड़ों के दर्द, दांत दर्द, गठिया, दमा, खांसी, सूजन, बार-बार बुखार होना, मलेरिया, डायबिटीज, बदहजमी, एसिडिटी, दस्त और कब्ज में काफी लाभदायक होता है।
कैर का अचार बनाने के लिए सामग्री: (Ker Pickle Ingredients)
कैर - 250 ग्राम
नमक - 1 छोटी चम्मच
हल्दी पाउडर - 1 छोटी चम्मच
लाल मिर्च - 1/4 छोटी चम्मच
राई ( पीली सरसों ) - 2 टेबल स्पून
सरसों का तेल - 350 ग्राम
सिरका - 1 टेबल स्पून
कलोंजी - 1 टेबल स्पून
सोफ - 1 टेबल स्पून
जीरा - 1 टेबल स्पून
कैर का अचार बनाने की विधि (Ker Pickle Recipe)
-कैर के डन्ठल तोड़कर उन्हैं साफ पानी से धो लीजिये। इन कैरियों को एक चीनी मिट्टी या मिट्टी के मटके में भर कर इतना पानी भर दें कि कैर डूब जाय और थोडा नमक भी मिला दीजिये। अब इस मटके को एक सूती कपड़े से ढककर धूप में रख दीजिये। कैर का पानी हर दो दिन बाद बदलते रहें। पांच-छह दिनों में कैर का हरा रंग, पीले रंग में बदल जाता है और खाने पर कैर का स्वाद हल्का खट्टा-मिठा हो जाएगा जिससे समझ लिजिए की अचार बनाने के लिए कैर तैयार है। अब इन कैर को दो बार साफ पानी से धो कर छलनी में रख कर धूप में रख दीजिये। इसका पानी सूखा लेंगे। अब हम इस का अचार बनायेंगे।
-सरसों के तेल को पैन में डालकर अच्छा गरम कीजिये, कढ़ाई को गैस से उतार कर नीचे रख लीजिये और तेल को हल्का ठंडा कर लीजिये। अब एक बर्तन में कैर, हल्दी पाउदर, नमक स्वाद अनूसार, राई, कलोंजी, सोंफ, जीरा और लाल मिर्च डालकर अच्छी तरहा मिला लिजिये।
-अब कैर का बना मिश्रण हल्के ठंडे तेल में डालकर मिला लिजिये, अचार में थोडा सिरका डाल कर भी मिक्स कर दीजिये।
-कैर का अचार तैयार है, अचार को पूरी तरह ठंडा होने के बाद, कांच या प्लास्टिक के कन्टेनर में भर कर रख लीजिये।
-हर दो-तीन दिन में अचार को चमचे से चलाते रहिये। 8-10 दिन में अचार खट्टा और स्वादिष्ट होने लगता हैं। अब यह अचार आप के खाने के लिये तैयार है।
कैर का अचार बनाते समय ध्यान रखें ये बातें
- जिस डब्बे में आप अचार भर कर रखेंगे उसे उबलते पानी से धोकर धूप में सुखाकर तैयार कर लीजिये।
- अचार खाने के लिये जब भी निकालें सूखी और साफ चम्मच का इस्तेमाल कीजिये, अचार निकालते समय, हाथ भी सूखे होने चाहिये।
- अचार निकालने के बाद अचार को उसी चम्मच से ऊपर नीचे कर दीजिये, अचार की सेल्फ लाइफ बढ़ जाती है।
- हमेशा ध्यान रखे की अचार के ऊपर इतना तेल रहे कि अचार दिखाई ना दे, इस से अचार में फंगस नहीं लगेगी।
Published on:
12 Jun 2023 03:32 pm
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