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Durga Stuti Path Niyam : मां दुर्गा स्तुति पाठ का सही नियम जानिए, ना करें ये गलतियां

Durga Stuti Path Niyam : नवरात्र में मां दुर्गा की स्तुति का पाठ करने से जीवन के संकट दूर होते हैं। जानिए दुर्गा स्तुति पाठ के सही नियम, कब करना शुभ होता है और किन गलतियों से बचना चाहिए।

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भारत

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Dimple Yadav

Sep 22, 2025

Durga Stuti Path Niyam

Durga Stuti Path Niyam (photo- gemini ai)

Durga Stuti Path Niyam : शारदीय नवरात्र की शुरुआत होते ही हर घर में मां दुर्गा की भक्ति का माहौल छा जाता है। नौ दिनों तक मां भगवती की आराधना, दुर्गा सप्तशती पाठ और दुर्गा स्तुति का पाठ करने से जीवन के बड़े से बड़े संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि आती है। लेकिन शास्त्रों में इस दिव्य पाठ के लिए कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी है। अगर नियमों का पालन न किया जाए तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता। आइए जानते हैं मां दुर्गा स्तुति पाठ का सही तरीका और इसके नियम।

दुर्गा स्तुति का पाठ कैसे करें?

पाठ करने से पहले स्नान करके स्वच्छ और साफ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान पर दीपक जलाएं और गंगाजल छिड़ककर वातावरण को शुद्ध करें। मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठकर आसन पर दुर्गा स्तुति का पाठ शुरू करें। पाठ करते समय मन को भटकने न दें और श्रद्धा व विश्वास के साथ मंत्रों का उच्चारण करें।

दुर्गा स्तुति पाठ के नियम

मां दुर्गा की स्तुति पाठ करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें। उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके, मां की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाकर आसन पर बैठें। ब्रह्म मुहूर्त या संध्या समय पाठ करना श्रेष्ठ माना जाता है। शुद्ध उच्चारण, श्रद्धा और एकाग्र मन से स्तुति करें। लाल-पीले फूल, सिंदूर और नैवेद्य अर्पित करें। पाठ के दौरान हंसी-मजाक, गपशप या बीच में उठना अशुभ है। नियमों का पालन करने से मां की कृपा से सभी संकट दूर होते हैं।

दुर्गा स्तुति कब पढ़ी जाती है?

नवरात्रि के नौ दिनों में प्रतिदिन सुबह और शाम दुर्गा स्तुति पढ़ना शुभ होता है। शुक्रवार और मंगलवार के दिन भी इसका पाठ विशेष फलदायी होता है। संकट के समय या जब मन अशांत हो, तब भी दुर्गा स्तुति का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है।

दुर्गा वंदना के लिए कौन सा श्लोक है?

दुर्गा वंदना के लिए “या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः” सबसे लोकप्रिय श्लोक है। यह श्लोक मां के प्रत्येक रूप की स्तुति करता है और साधक को शक्ति, साहस और आत्मविश्वास प्रदान करता है।

मां दुर्गा का मूल मंत्र क्या है?

मां दुर्गा का मूल मंत्र है “ॐ दुं दुर्गायै नमः” इस मंत्र का जाप रोज करने से जीवन में आ रही सभी बाधाएँ दूर होती हैं और मां की कृपा से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। नवरात्र में मां दुर्गा की स्तुति करते समय शुद्ध मन, साफ वातावरण और सही नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। तभी मां की कृपा से जीवन में सुख, शांति और शक्ति की प्राप्ति होती है।