
Gods come to bathe in this rhythm even today in india
सनातन धर्म की पौराणिक कथाओं में नचिकेता और यमराज की कथा काफी प्रचलित है। इसमें जहां एक पिता द्वारा अपने पुत्र को यमराज को दान कर दिया गया और नचिकेता निकल गए यमराज की खोज में... इसके बाद जब वे यमराज से मिले तो नचिकेता की बातों से यमराज तक इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने स्वयं ही नचिकेता को मौत का रहस्य की पूरी जानकारी दी।
यह कथा आपने भी सुनी होगी, लेकिन क्या आप उस जगह के बारे में जानते हैं जिसके बारे में मान्यता है कि यहीं यमराज ने नचिकेता के सामने मृत्यु के रहस्य खोला था।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार पौराणिक कथाओं के अनुसार बालक नचिकेता के मन में भी मृत्यु से जुड़े ऐसे कई सवाल थे, जिनका जवाब पाने के लिए वो खुद यमराज से मिलने चल पड़ा।
वहीं मान्यता के अनुसार देवभूमि उत्तराचंल के उत्तरकाशी के पास मौजूद नचिकेता ताल ही वो जगह है, जहां मृत्यु के रहस्य सुलझे थे। खुद यमराज ने धरती पर आकर बालक नचिकेता को मौत का रहस्य बताया था।
यहां ताल के पास ही एक गुफा है, मान्यता है कि यमराज इसी रास्ते से धरती पर आए थे और बालक नचिकेता के सवालों के उत्तर दिए थे। शास्त्रों और पुराणों में लिखा गया है कि धरती पर नचिकेता ही एक ऐसे इंसान थे, जिन्हें मृत्यु के रहस्यों का पता चला था।
ऐसे पहुंचे नचिकेता ताल...
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 27 किलोमीटर की दूरी पर चौरंगीखाल नाम की एक जगह है, जहां से 3 किलोमीटर का पैदल रास्ता पार कर श्रद्धालु नचिकेता ताल पहुंचते हैं। नचिकेता ताल की खूबसूरती और आस-पास मौजूद हरियाली पर्यटकों का मन मोह लेती है। इस ताल को लेकर तरह-तरह की बातें मशहूर हैं।
ताल के पास से सुनाई देती हैं शंख और घंटों की आवाजें...
कहा जाता है कि आज भी इस ताल में देवी-देवता स्नान करने आते हैं। रात के समय ताल के पास से शंख और घंटों की आवाजें भी सुनाई देती हैं। ताल के पास मौजूद गुफा के बारे में कहा जाता है कि जो भी इस गुफा के भीतर जाता है, वो कभी वापस नहीं आता। यही नहीं इस जगह पर तपस्या से मंत्रसिद्धि जल्द मिलने की भी बात कही जाती है।
Published on:
04 May 2020 11:13 am
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