
PM Modi@kedarnath
दीपावली के चौथे दिन यानि गोवर्धन पूजा के दिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) 7.55 बजे जागृत महादेव यानि केदारनाथ धाम में पहुंचे। यहां उन्होंने बाबा की पूजा-अर्चना करने के साथ ही उनका जलाभिषेक भी किया।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) ने 12 ज्योतिर्लिंगों की वर्चुअल पूजा में भाग लिया। इस दौरान केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का लोकार्पण भी किया गया। शुक्रवार सुबह करीब 9.30 बजे एक ही समय पर केदारनाथ धाम से देश के अन्य 11 ज्योतिर्लिंगों को भी ऑनलाइन जोड़ा गया।
इससे पहले शुक्रवार यानि 05 नवंबर 2021 की सुबह होने वाली इस पूजा को लेकर कई लोग इस असमंजस में थे कि आखिर एक साथ एक ही दिन व समय पर समस्त 12 ज्योतिर्लिंगों का पूजन और वर्चुअल पूजा के पीछे का राज क्या है।
तो इस संबंध में ज्योतिष के जानकारों का मानना रहा कि दौरान महामृत्युंजय का पाठ या रुद्री पाठ का आयोजन हो सकता है। और चूंकि केदारनाथ एकमात्र जागृत महादेव माने जाते हैं, ऐसे में इस पूजा के लिए देश के उच्च पद पर विराजमान पीएम मोदी इस समय यहां मौजूद रहेंगे।
जानकारों की मानें तो एक साथ सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में होने वाली ये पूजा कई मायनों में खास रहेगी। इसका कारण है कि एक ओर जहां इस पूजा से सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में मौजूद शिव के अंश को एक साथ पूजा से जाग्रत किया जा सकता है। वहीं इसके प्रभाव के तौर पर कोरोना की शांति व वर्तमान में चीन में मौजूद भगवान शिव के स्थल कैलाश तक इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।
इसके अतिरिक्त पंडित एसके उपाध्याय का मानना है इस विशेष पूजा का असर सीधे तौर पर संपूर्ण देश में देखने को मिलेगा। दरअसल भगवान शिव संहार के देवता हैं और ऐसे में कोरोना के संहार सहित सीमाओं पर तनाव व देश में अशांति को दूर करने के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुमकिन है कि दीपावली पर्व के पावन अवसर पर पीएम मोदी भी देश के लिए भगवान शिव से इसी आशीर्वाद की कामना से ये पूजा कर रहे हों।
बर्फ से ढ़के बंद केदारनाथ में भी 6 माह तक जलता रहता है दीया
इसके ठीक अगले दिन केदारनाथ के कपाट बंद हो जाएंगे। ऐसे में इस दिन की गई पूजा पूरे साल तक विशेष प्रभाव दे सकती है। वहीं क्या आप जानते है कि केदारनाथ के कपाट बंद होते समय एक दीया जलाया जाता है जो केदारनाथ मंदिर के 6 माह तक बंद रहने के बावजूद वहां जलता रहता है।
दरअसल केदारनाथ का मंदिर के आसपास हमेशा बर्फ रहती है। खराब मौसम के चलते मंदिर के कपाट साल के 6 महीने तक के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान यानि मंदिर बंद करने से पहले पुजारी विग्रह और दंडी को नीचे ले जाते हैं।
इसके पश्चात मंदिर परिसर की सफाई करके वहां एक दीपक जलाया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में सबसे हैरानी वाली बात यह है कि मंदिर 6 महीने बंद रहने के बावजूद इसे दोबारा खोलने पर भी दीया वैसे ही जलता हुआ मिलता है।
ऐसे में मंदिर में एक छोटा-सा दीया 6 महीने तक लगातार कैसे जलता है इस बात को लेकर सब हमेशा हैरान रहते हैं। जबकि इन 6 माह में अत्यधिक ठंड होने के चलते वहां परिंदा तक पर नहीं मार सकता है। मंदिर की एक और बात बड़ी हैरान करने वाली है कि यहां भगवान शिव आज भी भक्तों को साक्षात दर्शन देते हैं। इसीलिए उन्हें जागृत महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
Updated on:
05 Nov 2021 01:26 pm
Published on:
04 Nov 2021 02:51 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म और अध्यात्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
