
नई दिल्ली। 84 करोड़ देवी-देवताओं वाले हिंदू धर्म में हर एक प्राणी का अपना अलग महत्व है। इसके साथ ही हिंदू धर्म में प्रत्येक प्राकृतिक चीज़ों को भगवान से जोड़कर ही देखा जाता है। अब चाहे इसमें हवा हो, पानी हो, जानवर हो या फिर हम खुद इंसान हों। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसे सुनने के बाद आपको थोड़ा अटपटा लग सकता है। बता दें कि उत्तर भारत के झांसी के एक गांव में कुतिया महारानी माता की पूजा की जाती है।
हम इस बात का दावा कर सकते हैं कि आपने इससे पहले कभी भी कुतिया महारानी माता के बारे में नहीं सुना होगा। यहां के ककवारा गांव में रहने वाले सभी लोग कुतिया महारानी की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। बता दें कि यह छोटा सा मंदिर दो गांवों के बॉर्डर पर बनाया गया है। यहां के लोग बताते हैं कि मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालू कुतिया महारानी में अपनी पूरी श्रद्धा रखते हैं। इतना ही नहीं वे यहां रोज़ाना पूरे विधि-विधान से कुतिया महारानी की पूजा भी करते हैं।
गांव के इस मंदिर की स्थापना के पीछे लोगों ने बताया कि कई साल पहले यहां एक कुतिया की मौत हो गई थी। जिसे मंदिर वाली जगह पर ही दफना दिया गया था। लेकिन कुछ समय बाद यहां एक बड़ा पत्थर बन गया। जिसके बाद गांव के लोगों ने पत्थर के ऊपर एक कुतिया की प्रतिमा बनाकर इसके ऊपर लगवा दिया और पूजा करना शुरु कर दिया।
गांव वालों की मानें तो कुतिया महारानी अपने सभी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। गांव वाले बताते हैं कि इस कुतिया की मौत भूख की वजह से हुई थी। इसके अलावा वह काफी दिनों से बीमार भी थी। बताते चलें कि कुतिया को कई जगहों पर धैर्य का प्रतीक बताया गया है।
Published on:
10 Feb 2018 05:28 pm
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