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महाशिवरात्रि आज: घर बैठे करें भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन

देश का 11 वां ज्योतिर्लिंग रामेश्वर, तमिलनाडु के रामनाथम नामक स्थान में है। विद्वानों के अनुसार भगवान श्रीराम ने रावण की लंका पर चढ़ाई से पूर्व जिस शिवलिंग की स्थापना की थी, उसे ही रामेश्वर के नाम से दुनियाभर में जाना जाता है।

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महाशिवरात्रि 2022 के अवसर पर घर बैठे करें भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन, हर मनोकामना होगी पूर्ण

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ने वाली महाशिवरात्रि का दिन शिवभक्तों के लिए बहुत खास होता है। इस दिन भक्तजन भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करके उनसे फलप्राप्ति की इच्छा रखते हैं। इस दिन शिवशंभु के मंदिरों में भीड़ उमड़ पड़ती है। आपको बता दें कि देश में अलग-अलग स्थानों पर भगवान शिव के 12 ऐसे मंदिर हैं, जिन्हें ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। इन ज्योतिर्लिंगों के बारे में मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से ही भक्तों के सब दुख दूर हो जाते हैं। शिवरात्रि के दिन इन ज्योतिर्लिंगों पर भारी भीड़ होती है। साथ ही सभी के लिए वहाँ जा पाना संभव भी नहीं हो पाता है। तो ऐसे में शिवरात्रि के पावन अवसर पर घर बैठे ही करें इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन...

1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
देश का पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ गुजरात के सौराष्ट्र में है। यह अरब सागर के तट पर स्थित है। ऐसी मान्यता है कि सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं चंद्र देव ने की थी।

2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के किनारे श्रीशैल पर्वत पर स्थित है। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग को दक्षिण के कैलाश के नाम से भी प्रसिद्धि प्राप्त है।

3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह तीसरा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है। केवल यही एक ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है। आपको बता दें कि महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भस्मारती पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।

4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भी मध्‍य प्रदेश में स्थित है। यह मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में नर्मदा नदी के किनारे पर एक पर्वत पर स्थित है।

5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
उत्तराखंड में स्थित यह ज्योतिर्लिंग अलखनंदा और मंदाकिनी नामक दो नदियों के तट पर केदार नाम की चोटी पर बना है। ऐसी मान्‍यता है कि भगवान केदारनाथ के दर्शन किए बिना जो भक्त बद्रीनाथ की यात्रा करता है उसकी यात्रा अधूरी मानी जाती है।

6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे शहर से करीबन 100 किलोमीटर दूर डाकिनी में स्थित है। क्योंकि भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग में स्थित शिवलिंग काफी मोटा है, इसलिए इसे मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जानते हैं।

7. विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के शहर वाराणसी में है। वाराणसी को काशी भी कहते हैं। विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग गंगा नदी के तट पर स्थित है। कहते हैं कि शिवशंभु ने कैलाश छोड़कर यहीं अपना स्थायी निवास बनाया था।

8. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
महाराष्‍ट्र के नासिक से 30 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग गोदावरी नदी के किनारे पर काले पत्थरों से बना है।

9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में स्थित है जिसे वैद्यनाथधाम के नाम से भी जाना जाता है।

10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग भी गुजरात में है। यह गुजरात के बड़ौदा शहर में गोमती द्वारका के करीब स्थित है। मान्यता है कि स्वयं भगवान शिव की इच्छानुसार इस ज्योतिर्लिंग का नामकरण किया गया था।

11. रामेश्वर ज्योतिर्लिंग
देश का 11 वां ज्योतिर्लिंग रामेश्वर, तमिलनाडु के रामनाथम नामक स्थान में है। विद्वानों के अनुसार भगवान श्रीराम ने रावण की लंका पर चढ़ाई से पूर्व जिस शिवलिंग की स्थापना की थी, उसे ही रामेश्वर के नाम से दुनियाभर में जाना जाता है।

12. घृष्‍णेश्‍वर ज्योतिर्लिंग
देश का 12 वां और अंतिम ज्योतिर्लिंग घृष्‍णेश्‍वर है। यह महाराष्ट्र के संभाजीनगर के पास दौलताबाद के समीप स्थित है। इसे घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है।

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