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Mahashivratri 2023: सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी महाशिवरात्रि पूजा, इस योग में सफल होंगे सारे काम

महाशिवरात्रि 2023 इस साल 18 फरवरी को है। महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) पर भगवान शिव की पूजा अर्चना अत्यंत शुभ योग में हो रही है, जिसका नाम सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvartha Siddhi Yog) है। मान्यता है कि सर्वार्थ सिद्धि योग में भगवान की पूजा विशेष फलदायी है और यह सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली है। इसके अलावा इस समय शुरू किए गए सारे काम सफल होंगे।

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Pravin Pandey

Feb 10, 2023

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Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि 2023 (फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी) इस साल फरवरी महीने की 18 तारीख को है। जबकि इसी दिन महाशिवरात्रि पूजा से पहले शनि प्रदोष भी है, यानी शनिवार को महाशिवरात्रि 2023 है। इन कारणों से यह तिथि विशेष महत्व वाली हो गई है। इसके अलावा भी महाशिवरात्रि 2023 पर कई विशेष और शुभ संयोग बन रहे हैं। महाशिवरात्रि की पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग में होने वाली है।


दृक पंचांग के अनुसार फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी यानी शनि प्रदोष 18 फरवरी रात 8.02 बजे तक है। इसके बाद फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी यानी महाशिवरात्रि शुरू हो जाएगी, जो 19 फऱवरी शाम 4.18 बजे तक रहेगी। चूंकि महाशिवरात्रि पूजा रात में ही होती है, इसलिए 18 फरवरी को ही महाशिवरात्रि 2023 की पूजा होगी और जब पूजा शुरू होगी, उस समय सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। दृक पंचांग के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग 18 फरवरी 5.42 पीएम से 19 फरवरी 6.50 एएम तक रहेगा।

महाशिवरात्रि पर विशेष योगः वहीं काशी के एक पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन शनिवार को चंद्रमा मकर राशि में उत्तराषाढ़ और श्रवण नक्षत्र में गोचर करेंगे। इस पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि 18 फरवरी को शाम 5.43 तक है। इसके बाद चतुर्दशी (महाशिवरात्रि) तिथि शुरू हो जाएगी, जो 19 फरवरी को दिन में 3.20 बजे तक रहेगी और इस दिन 18 फरवरी को दोपहर बाद 3.35 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है।


सिद्धि योग, रिक्ता तिथि और शनिवार के संयोग से संध्या समय 5.43 बजे से बन रहा है। इससे भक्त शनिवार दिनभर भगवान शिव की पूजा अर्चना में संलग्न रहेंगे। इससे शनि देव और भगवान शिव दोनों की कृपा प्राप्त होगी। इस दिन मनोकामना पूर्ति के लिए जो भी व्यक्ति पूजा पाठ करते हैं, उनकी मनोकामना पूर्ति होती है। इधर, विशेष योगों के कारण महाशिवरात्रि विशेष फलदायी हो गई है। महाशिवरात्रि व्रत का पारण 19 फरवरी को होगा।

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सर्वार्थ सिद्धि योग का महत्व

ज्योतिष के अनुसार यह वार और नक्षत्र के योग से बनने वाला योग यानी की विशेष मुहूर्त है। मान्यता है कि इस योग में किया गया कोई भी काम सफल होता है। नया कारोबार शुरू करना, बर्तन, संपत्ति और वाहन की खरीदारी इस योग में शुभ मानी गई है। हालांकि मंगलवार और शनिवार को इस योग में लोहा खरीदना अशुभ माना जाता है।


गुरुवार और शुक्रवार को यह योग बनता है तो तिथि कोई भी हो यह योग नष्ट नहीं होता। वर्ना कुछ विशेष तिथियों में यह योग निर्मित होने पर भी नष्ट हो जाता है। ज्योतिष के अनुसार सोमवार को रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, अनुराधा या श्रवण नक्षत्र होने पर यह शुभ योग बनता है। जबकि द्वितीया और एकादशी तिथि पर यह योग बनने पर यह अशुभ मुहूर्त में तब्दील हो जाता है।