पहला मंत्र- गीता में बताया गया है कि मनुष्य को सुबह बिस्तर छोड़ने से पहले अपने हाथों के दर्शन करने चाहिए। साथ ही नीचे दिए गए इस मंत्र का जप करना चाहिए।
‘कराग्रे वसति लक्ष्मीः, कर मध्ये सरस्वती।
करमूले तू ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।’
मंत्र का अर्थ- इस मंत्र के अनुसार हथेलियों के आगे के भाग में मां लक्ष्मी, मध्य भाग में मां सरस्वती और मूल भाग में भगवान परमब्रह्म का निवास है। हे प्रभु सुबह के समय मैं इनके दर्शन करके आपको प्रणाम करते हैं। मेरा प्रणाम स्वीकार करें।
दूसरा मंत्र-सुबह बिस्तर से उतरने से पहले धरती माता का स्पर्श करते हुए नीचे दिए गए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
‘सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वित:
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यतिं न संशय:’
इसका अर्थ है- हे मां मैं तुम्हें प्रणाम करता हूं या करती हूं। मनुष्य को तुम्हारा प्रसाद मिलने से सब दुखों से मुक्ति मिलती है। साथ ही धन, धान्य और पुत्र की प्राप्ति होती है।
माना जाता है कि सुबह के समय इन दो मंत्रों के जप से दिन की शुरुआत करने से पूरा दिन अच्छा गुजरता है। हमारे अंदर सकारात्मकता आती है जिससे हम अपना हर काम अच्छे से कर पाते हैं। जिससे सभी कार्यों में सफलता मिलने के आसार बढ़ जाते हैं। इन मंत्रों के जाप से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है।ससुराल को स्वर्ग बनाकर रखती हैं इन 3 नाम वाली लड़कियां, मां लक्ष्मी का मानी जाती हैं रूप
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)