
इस बार मौनी अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसे शनिश्चरी मौनी अमावस्या भी कहा जा रहा है। वहीं इस बार पडऩे वाली मौनी अमावस्या पर काफी दुर्लभ योग भी बन रहे हैं। हिंदु पंचाग के अनुसार माघ मास में पडऩे वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन स्नान दान का विशेष महत्व माना जाता है। वहीं पितृ तर्पण के लिए भी यह दिन शुभ माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। वहीं उनकी पूजा के साथ ही पितृों की पूजा करने से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसलिए इस दिन कुछ उपाय करके आप न केवल भगवान विष्णु बल्कि अपने पितृों का आशीर्वाद भी पा सकते हैं। पत्रिका.कॉम यहां आपको बता रहा है इस दिन किए जाने वाले कुछ जरूरी काम, जिन्हें करके आप अपने जीवन में खुशियों और तरक्की के मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं...
पितृ खुश होकर देंगे आशीर्वाद
अमावस्या के दिन पितृं का तर्पण और पिंडदान शुभ माना जाता है। इस दिन नदी के तट पर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके जल में तिल मिलाकर पितृों को तर्पण दें। इसके साथ ही निमित्त पिंडदान करें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और पितृगण वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
इस तरह करें पीपल की पूजा
मौनी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। क्योंकि इस दिन पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी के साथ ही अन्य देवता वास करते हैं। वैसे भी पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृों का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए अमावस्या के दिन पीपल में जल अर्पित करें। जल के साथ ही सफेद रंग की मिठाई अर्पित करें और फिर उसकी परिक्रमा करें।
इन चीजों का करें दान
मौनी अमावस्या के दिन दान को महादान माना गया है। इसलिए इस दिन अपनी योग्यता के हिसाब से जरूरतमंदों, गरीबों को आटा, चावल, कंबल, तिल से बनी चीजें, मिठाई, चीनी, दूध आदि का दान कर सकते हैं। इससे जीवन के कई कष्टों से छुटकारा मिल जाएगा।
सूर्यदेव की पूजा
मौनी अमावस्या के दिन भगवान सूर्य को अघ्र्य जरूर देना चाहिए। जल अर्पित करने के लिए तांबे के लोटे में जल भरें, इसमें लाल सिंदूर, लाल फूल और काले तिल डालकर अघ्र्य दें।
पशु-पक्षियों को खिलाएं भोजन
मौनी अमावस्या के दिन पितृ तर्पण और पिंडदान करने के साथ ही गाय, कौवा, कुत्ता, चींटी आदि को भोजन रखें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
शनिदेव की पूजा करना न भूलें
शनिवार के दिन पडऩे के कारण इस बार शनिदेव की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होगी। इसलिए इस दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें। इसके साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
भूल कर भी न करें ये गलतियां
- अमावस्या के दिन श्मशान घाट या कब्रिस्तान में या उसके आस-पास नहीं घूमना चाहिए। माना जाता है कि इस समय बुरी आत्माएं सक्रिय हो जाती हैं और मानव इन बुरी आत्माओं या नकारात्मक शक्तियों से लडऩे में सक्षम नहीं होता है। ये नकारात्मक शक्तियां मानसिक रूप से कमजोर किसी भी व्यक्ति को तुरंत अपने प्रभाव में ले लेती हैं। यदि कोई व्यक्ति भावनात्मक रूप से कमजोर हो और नकारात्मक सोच से घिरा हुआ हो तो ऐसा होने की आशंका और भी बढ़ जाती है।
- मौनी अमावस्या के दिन स्नान का खास महत्व माना जाता है। इसलिए अगर आप किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं कर पाएं हैं, तो घर में भी स्नान कर सकते हैं। इसके लिए आपको नहाने के पानी में गंगा जल की कुछ बूंदें मिलाकर नहाना चाहिए। स्नान करने के बाद सूर्य देव को अघ्र्य देना न भूलें। यहां यह भी ध्यान रखें कि स्नान करने से पहले ही मौन धारण करें और सूर्य अघ्र्य के बाद ही कुछ बोलें।
- अमावस्या पर संयम बरतना चाहिए। इस दिन स्त्री-पुरुष को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- अमावस्या पर घर में पितृों का आशीर्वाद पाने के लिए घर में कलह-कलेश न करें। वाद-विवाद से बचें। अपशब्द न कहें। किसी का अपमान न करें।
Updated on:
20 Jan 2023 03:42 pm
Published on:
20 Jan 2023 03:36 pm
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