
मृत्यु पंचक (18 जून से 23 जून तक): मृत्यु पंचक है घातक, इस दौरान भूलकर भी न करें ये कार्य!
मृत्यु पंचक का नाम सुनते ही लोग भयभीत हो जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार हर महीने में 5 ऐसे दिन आते हैं जिस दौरान शुभ कार्यों को करना वर्जित माना जाता है। इन 5 दिनों की अवधि को पंचक के नाम से जाना जाता है और जब ये पंचक शनिवार से शुरू होते हैं तो इसे मृत्यु पंचक कहा जाता है। ये बेहद ही अशुभ अवधि मानी जाती है। 18 जून से मृत्यु पंचक शुरू हो चुका है जो 23 जून तक रहेगा।
पंचक क्या है? ज्योतिष अनुसार जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और शतभिषा नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में भ्रमण करता है तो इस अवधि को पंचक के नाम से जाना जाता है। पंचक की अवधि 5 दिनों की होती है। इसके साथ ही चंद्रमा जब कुंभ या फिर मीन राशि में गोचर करता है तब भी पंचक काल शुरू होता है।
पंचक कुल 5 प्रकार के होते हैं:
-रोग पंचक
-राज पंचक
-अग्नि पंचक
-मृत्यु पंचक
-चोर पंचक
पंचक काल में इन कार्यों को करने से बचें:
-इस दौरान लकड़ी खरीदने से बचना चाहिए।
-मकान पर छत नहीं डलवानी चाहिए
-इस अवधि में दाह संस्कार करना मना होता है।
-पलंग या चारपाई नहीं बनवानी चाहिए।
-दक्षिण दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। मान्यता है कि दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है।
इस साल और कब-कब पड़ेगा पंचक:
जुलाई 2022- 15 जुलाई शुक्रवार से 20 जुलाई बुधवार तक
अगस्त 2022- 12 अगस्त शुक्रवार से 16 अगस्त मंगलवार तक
सितंबर 2022- 9 सितंबर शुक्रवार से 13 सितंबर मंगलवार तक
अक्टूबर 2022- 6 अक्टूबर गुरुवार से 10 अक्टूबर सोमवार तक
नवंबर 2022- 2 नवंबर बुधवार से 6 नवंबर रविवार तक
दिसंबर 2022- 26 दिसंबर सोमवार से 31 दिसंबर शनिवार तक
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(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)
Published on:
19 Jun 2022 10:32 am
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