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Navratri vs Durga Puja Difference : एक ही शक्ति, दो रंग, नवरात्रि और दुर्गा पूजा में क्या है खास?

Navratri vs Durga Puja 2025 : Navratri और Durga Puja 2025 दोनों ही मां दुर्गा की उपासना से जुड़े भव्य त्योहार हैं। जानिए इन दोनों के बीच अंतर, 9 देवियों की पूजा, गरबा डांस, दुर्गा पूजा पंडाल, व्रत नियम और भोग की खासियत।

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भारत

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Manoj Vashisth

Sep 22, 2025

Navratri vs Durga Puja Difference

Navratri and Durga Puja : (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Navratri vs Durga Puja Difference : जब भी त्योहारों का मौसम आता है, भारत का हर कोना एक अलग ही रंग में रंग जाता है। सितंबर-अक्टूबर के महीने में एक ही शक्ति मां दुर्गा की उपासना के लिए दो बड़े और शानदार त्योहार मनाए जाते हैं: नवरात्रि और दुर्गा पूजा। हालांकि, दोनों में माँ दुर्गा की ही पूजा होती है, लेकिन इनके मनाने का तरीका, परंपराएं और रंग-ढंग बिल्कुल अलग हैं। अगर आपने कभी विदेश में भी भारतीय त्योहारों का रंग देखा है, तो आपको पता होगा कि न्यूयॉर्क, टोरंटो या लंदन जैसी जगहों पर भी इन दोनों त्योहारों की रौनक देखते ही बनती है। तो आइए, जानें कि इन दोनों महान पर्वों में क्या अंतर है और क्यों ये इतने खास हैं।

एक पर्व नौ रातों का, दूसरा पांच दिनों का | Navratri vs Durga Puja Difference

नवरात्रि का मतलब ही है 9 रातें। यह नौ दिनों का त्योहार है, जिसमें मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। यह पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर भारत में इसकी धूम सबसे ज्यादा होती है। वहीं, दुर्गा पूजा पांच दिनों का भव्य उत्सव है। यह खास तौर पर पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा में मनाया जाता है, जहां बंगाली समुदाय इसे एक बड़े कार्निवल की तरह मनाता है। दुर्गा पूजा में मां दुर्गा के महिषासुर का वध करने की कहानी पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

अध्यात्म और ऊर्जा बनाम कला और दावत

नवरात्रि को आप एक तरह का आध्यात्मिक मैराथन कह सकते हैं। इसमें लोग दिन में उपवास रखते हैं, देवी की पूजा करते हैं, और रात में रंग-बिरंगे पारंपरिक कपड़े पहनकर गरबा और डांडिया रास में झूमते हैं। अमेरिका के न्यू जर्सी या यूके के लीसेस्टर में होने वाली गरबा नाइट्स किसी बॉलीवुड कॉन्सर्ट से कम नहीं लगतीं।

दूसरी ओर, दुर्गा पूजा किसी कला और संस्कृति के मेले जैसी लगती है। यहां की रौनक पंडाल में दिखती है, जिन्हें बड़ी खूबसूरती से सजाया जाता है। ये पंडाल अस्थाई मंदिर होते हैं, जिनमें मां दुर्गा की भव्य मूर्तियां स्थापित की जाती हैं। यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम, कविता पाठ और सबसे खास भोग (सामुदायिक दावत) का आयोजन होता है। बंगालियों के लिए दुर्गा पूजा सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक गहरी भावना है।

व्रत और उपवास की शक्ति vs स्वादिष्ट पकवानों की दावत

दोनों त्योहारों के अनुष्ठानों में एक बड़ा फर्क खाने-पीने से जुड़ा है। नवरात्रि में कई लोग पूरे नौ दिन उपवास रखते हैं, सिर्फ सात्विक (हल्का और शाकाहारी) भोजन करते हैं। यह शरीर और मन को शुद्ध करने का एक तरीका माना जाता है। वहीं, दुर्गा पूजा बिल्कुल इसके उलट है। यहां स्वादिष्ट पकवानों की दावत होती है। बंगाली मिठाइयां जैसे रसगुल्ला, संदेश और तरह-तरह के व्यंजन जैसे खिचड़ी, फिश फ़्राई आदि लोगों को परोसे जाते हैं। तो नवरात्रि को शुद्धिकरण और नृत्य का उत्सव कह सकते हैं, जबकि दुर्गा पूजा खाओ, पीओ और मौज करो का प्रतीक है।

अलग-अलग राज्यों की अपनी पहचान

भारत में नवरात्रि मुख्य रूप से पश्चिमी और उत्तरी राज्यों में मनाई जाती है, जबकि दुर्गा पूजा पूर्वी राज्यों का गौरव है। विदेश में भी यही रंग दिखता है। शिकागो, न्यू जर्सी और डलास जैसे शहरों में नवरात्रि की बड़ी-बड़ी गरबा नाइट्स होती हैं। वहीं टोरंटो और वैंकूवर में दुर्गा पूजा एसोसिएशन पंडाल सजाती हैं।

एक ही देवी, पर अलग-अलग कहानियां

दोनों त्योहारों में मां दुर्गा की ही पूजा होती है पर उनकी कहानी थोड़ी अलग है। नवरात्रि में उनके नौ रूपों पर ध्यान दिया जाता है शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री। हर रूप की अपनी एक खास शक्ति है। वहीं दुर्गा पूजा महिषासुर पर मां की जीत की कहानी पर केंद्रित है, जो यह याद दिलाता है कि साहस, न्याय और सच्चाई की हमेशा जीत होती है।

यह सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुल है

भारत से बाहर रहने वालों के लिए भी ये त्योहार बहुत मायने रखते हैं। धार्मिक पहलुओं से परे ये त्योहार एक बड़ा सांस्कृतिक पुल बन गए हैं। अमेरिका, कनाडा और यूके जैसी जगहों पर ये लोगों को एक साथ लाते हैं, भारतीय परंपराओं को जीवंत और समावेशी तरीके से दिखाते हैं। कहां और किस जगह आप एक हफ्ते में गरबा की ताल पर घूम सकते हैं और अगले हफ्ते कला से भरे पंडाल में स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकते हैं?

तो नवरात्रि और दुर्गा पूजा एक ही परिवार के दो अलग-अलग सदस्य हैं। नवरात्रि जहां नृत्य, उपवास और भक्ति से जुड़ी है, वहीं दुर्गा पूजा कला, दावत और कहानी कहने का जश्न है। दोनों रंगीन हैं, दोनों नारी शक्ति का सम्मान करते हैं, और दोनों आपको एक अविस्मरणीय अनुभव देंगे। चाहे आप गरबा की बीट्स पर नाच रहे हों या दुर्गा पूजा के पंडाल की भव्यता देख रहे हों आप भारत के करीब महसूस करेंगे और निश्चित रूप से बहुत अधिक उत्सवपूर्ण।