Pandit Pradeep Mishra Pravachan: भगवान गौतम बुद्ध ने कहा है कि संसार दुखमय है। लेकिन इसके 5 कारण प्रमुख हैं, जिसकी पहचान कर घर में अशांति आने से रोका जा सकता है। पं. प्रदीप मिश्रा से जानिए ये कौन सी चीजें हैं जो घर में अशांति लाती हैं और इससे कैसे बचें..
Things With Name Starting With Letter S: शिव पुराण कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा के अनुसार (Pandit Pradeep Mishra Pravachan) स नाम अक्षर की 5 चीजों की वजह से घर में अशांति होती है। यदि व्यक्ति इनसे बहुत अधिक लगाव न रखे और अपना कर्म करते हुए सब कुछ परमात्मा पर छोड़ दे तो वो शांति हासिल कर सकता है। आइये जानते हैं उन 5 चीजों के बारे में जिससे घर में अशांति आती है।
संसार में शांति नहीं है, इससे लगाव और इनसे अपेक्षा दुख का कारण है। स्कंद पुराण के अनुसार संसार के लोगों के लिए कितना भी कुछ कर दीजिए, मोती, माणिक्य और सुख दे दीजिए तो भी संसार के लोग कुछ न कुछ कहेंगे, यह दुनिया की रीति है। आप कितना भी सोच लें कि दुनिया में रहूं और मुझे यश मिले तो संभव नहीं है। यह अशांति देता है।
संपत्ति सुख नहीं अशांति देती है। यह शांति नहीं देती है, जिसके पास कुछ नहीं है, रोड किनारे भी सुकून से सोता है और किसी के पास नौकर चाकर सब सुख संपत्ति है तो भी नींद नहीं आती है। इसलिए संपत्ति अशांति देती है। इसके लिए बहुत परेशान न हो, जीवन यापन भर के लिए संपत्ति है तो उसमें संतोष करो।
पं. प्रदीप मिश्रा के अनुसार संबंधों में भी शांति नहीं है। परमात्मा की जगह संबंध संसार के लोगों से जितना जोड़ोगे तो जीवन सार्थकता नहीं प्राप्त कर सकता है। किसी के वचन कार्य से दुख प्राप्त होता है। परमात्मा से संबंध जोड़ने से शांति मिलती है।
स्वास्थ्य भी अशांति का कारण है। शरीर की कमजोरियों से पीड़ा और अशांति मिलती है। बीमारियों की चिंता कई और बीमारियों को जन्म देती है। इसलिए बीमारियों की चिंता न करो।
संतान से भी अत्यंत जुड़ाव के कारण उसके जरिये भी घर में अशांति आती है। संतान का व्यवहार और आचरण सही नहीं है तो घर में अशांति आती है। इसके अलावा संतान को ही कोई पीड़ा हो तो उसका असर पूरे घर पर पड़ता है। इसलिए संतान को अच्छे संस्कार दो, लेकिन बड़े होने के बाद उसको स्वतंत्र जीव मानकर उसके कर्म के लिए दुख करने की जगह सब कुछ परमात्मा पर छोड़ दो।