
Papankusha ekadashi Ashubh yog
मान्यता है कि किसी व्रत, उपवास में जितनी बाधाएं आती हैं और उन बाधाओं को पार कर भक्त सच्चे मन से जितनी तल्लीनता से संकल्प पूरा करता है, उतना ही बड़ा फल मिलता है।
पापांकुशा एकादशी पर भी भक्तों के पास ऐसा ही मौका है। रविवार 13 अक्टूबर को गृहस्थजनों के लिए पापांकुशा एकादशी व्रत है। इस व्रत को दोपहर बाद कई अशुभ योग शुरू हो रहे हैं, इन बाधाओं को पार कर अपना व्रत पूरा करने वाले को शुभ फल मिलेंगे।
बता दें कि एकादशी के दिन शाम से भद्रा और दोपहर से पंचक शुरू हो रहे हैं। इस समय पूजा पाठ, उपासना के अलावा दूसरे मांगलिक और महत्वपूर्ण कार्य स्थगित रखे जाते हैं। पंचक की बात करें तो मान्यताओं के अनुसार रविवार से शुरू होने के कारण यह पंचक, रोग पंचक है।
इसके कारण रोग और कष्ट बढ़ने की आशंका रहती है और इस बाधा को पार कर व्रत पूरा करने वाले पर निश्चित ही भगवान की कृपा होगी। गृहस्थों के लिए पापांकुशा एकादशी व्रत का पारण सोमवार को दोपहर 1:16 बजे के बाद करना चाहिए।
तिथि: द्वादशी तिथि (शुक्ल पक्ष)
नक्षत्र: कृत्तिका
योग: ध्रुवा योग
करण: तैतिल करण
पंचक: पंचक दोपहर 3.44 बजे से शुरू हो रहा है, इसके बाद महत्वपूर्ण कार्य से बचना चाहिए।
भद्रा: भद्रा भी आज शाम 7.59 बजे से शुरू हो रही है, यह अगले दिन सुबह 6.21 बजे तक रहेगी। आज किसी काम को करने से पहले भद्रा के समय और प्रभाव भी ध्यान रखना चाहिए।
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:41 बजे से सुबह 05:31 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:44 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक, विशेष कार्यों के लिए शुभ समय।
दिशाशूल: इस दिन पश्चिम दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
यमगंड का समय दोपहर 12:00 बजे से 01:30 बजे तक होगा। इस समय में भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।
गुलिक काल का समय सुबह 03:00 बजे से 04:30 बजे तक होगा। इसी समय में महत्वपूर्ण निर्णय लेने और नए कार्य शुरू करने से बचें।
Updated on:
13 Oct 2024 11:59 am
Published on:
13 Oct 2024 11:58 am
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