
Peepal Tree Worship during Pitru Paksha|फोटो सोर्स – Freepik
Pitru Paksha Puja 2025: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का अत्यंत महत्वपूर्ण काल माना जाता है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर अमावस्या तक चलने वाले इस पक्ष में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे अनुष्ठानों का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस अवधि में हमारे पितृ पृथ्वी लोक पर आते हैं और संतानों द्वारा किए गए कर्म, दान और पूजा से तृप्त होकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
इसी क्रम में पितृ पक्ष के दौरान पीपल वृक्ष की पूजा अत्यंत शुभफलदायी मानी गई है। शास्त्रों में वर्णन है कि पीपल के पेड़ में त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। साथ ही, यह वृक्ष पितरों को प्रसन्न करने और पितृ दोष से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है।
मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान पीपल वृक्ष की नियमित पूजा करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से पितृ दोष का निवारण होता है।पीपल वृक्ष की पूजा से बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभाव भी कम होते हैं और जीवन में शांति तथा समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।
Updated on:
07 Sept 2025 11:29 am
Published on:
07 Sept 2025 11:28 am
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