Pradosh Vrat 2023 in june, do not make these mistakes its inauspicious: सनातन धर्म में किसी भी व्रत-त्योहार को करने के नीति-नियम बताए गए हैं। प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में शिव जी के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है, लेकिन इस व्रत के दौरान कुछ बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है। इस दिन कुछ गलतियों के कारण आपको व्रत का शुभ फल नहीं मिलता है।
Pradosh Vrat 2023 in june, do not make these mistakes its inauspicious:प्रदोष व्रत, भगवान शिव को समर्पित व्रत। हर माह में दो बार मनाया जाने वाला व्रत। त्रयोदशी तिथि की शाम को प्रदोष काल कहा जाता है। यह व्रत इसी तिथि पर रखा जाता है, इसलिए इसे प्रदोष व्रत कहा जाता है। प्रदोष व्रत करने से पाप नष्ट हो जाते हैं, जीवन से कष्ट मिट जाते हैं। वैभव और ऐश्वर्य मिलता है। सुख-शांति मिलती है। लेकिन सनातन धर्म में किसी भी व्रत-त्योहार को करने के नीति-नियम बताए गए हैं। आज प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में शिव जी के साथ माता पार्वती की पूजा की जाएगी, लेकिन इस व्रत के दौरान कुछ बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है। इस दिन कुछ गलतियों के कारण आपको व्रत का शुभ फल नहीं मिलता है।
यहां जानें कौन सी गलतियां पड़ सकती हैं भारी
- गुरु प्रदोष व्रत के दिन घर या मंदिर में शिव जी की पूजा के दौरान जब परिक्रमा करें, तो ध्यान रखें परिक्रमा कभी भी पूरी न करें। परिक्रमा के दौरान जिस जगह से दूध बह रहा हो, वहां रुक जाएं, फिर वहीं से वापस घूम जाएं। इस तरह अपनी परिक्रमा करें।
- शिव जी की पूजा में चंदन के तिलक का इस्तेमाल करना चाहिए। शिवलिंग पर रोली और सिंदूर का तिलक न लगाएं। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता।
- प्रदोष व्रत के दिन पूजा के दौरान शिवलिंग पर दूध, दही, शहद या कोई भी वस्तु चढ़ाने के बाद जल जरूर चढ़ाना चाहिए। जल चढ़ाने के बाद ही शिव अभिषेक पूरा माना जाता है।
- शिवलिंग का दूध से अभिषेक करने के लिए तांबे के कलश का इस्तेमाल भूलकर भी न करें। दरअसल तांबे के बर्तन में दूध संक्रमित हो जाता है, इसके बाद यह चढ़ाने के योग्य नहीं होता।