
Pushy Yog: गुप्त नवरात्रि में इस डेट को रवि पुष्य योग मुहूर्त, खरीदारी और मनोकामना पूर्ति के लिए खास है यह संयोग
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कल्याणकारी पुष्य नक्षत्र 27 नक्षत्रों का सम्राट है। जब रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र पड़ता है, तो दिन और नक्षत्र के संयोग से रवि पुष्य योग बनता है। इसे रवि पुष्य नक्षत्र योग भी कहा जाता है। यह आठ प्रमुख शुभ योगों में से एक है और खरीदारी से लेकर मांगलिक कार्यों तक के लिए यह बेहद शुभ योग है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल है, तब भी रवि पुष्य योग सभी कार्यों की शुरुआत के लिए बेहद कल्याणकारी होता है। इस शुभ योग में विवाह के अलावा सारे शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
यह योग वाहन, सोने के आभूषण, प्रॉपर्टी से लेकर सभी तरह की वस्तुओं की खरीदारी के लिए शुभ है और इस योग में मांगलिक कार्य करने से घर में सुख समृद्धि आती है। मान्यता है इस योग में की गई खरीदारी से घर में बरकत होती है। धन संपदा की वृद्धि होती रहती है। साथ ही व्यापार, व्यवसाय शुरू करने के लिए भी यह अच्छा समय है।
तंत्र मंत्र सिद्धि और जड़ी बूटी ग्रहण करने के लिए भी विशेष लाभदायक माना जाता है। इसकी खासियत यह है कि पूरे वर्ष आपको यदि किसी मांगलिक कार्य के लिए शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा है तो बिना झिझक इस मुहूर्त में शुभ कार्य कर सकते हैं।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार दिसंबर तक तीन दिन रवि पुष्य योग बनेगा। यह शुभ समय सितंबर, अक्टूबर और नवंबर महीने में आएगा, जबकि दो रवि पुष्य नक्षत्र योग का समय बीत चुका है।
| रवि पुष्य योग की तारीख, आरंभ और संपन्न होने का समय | ||
| तारीख | आरंभ होने का समय | संपन्न होने का समय |
| 10 सितंबर | 17.07.01 | 30.03.43 |
| 8 अक्टूबर | 06.17.30 | 26.45.33 |
| 5 नवंबर | 06.35.38 | 10.29.53 |
1. रवि पुष्य योग में साधना निश्चित रूप से सफल होती है।
2. इस समय शुरू किए गए कार्य की गुणवत्ता बढ़ती है।
3. यंत्र सिद्धि के लिए भी यह समय शुभ माना जाता है।
4. इस समय पूजा करने से जन्मकुंडली में सूर्य दोष है तो वह दूर हो जाता है।
5. जीवन में आर्थिक समृद्धि आती है।
1. इस दिन सुर्ख लाल वस्त्र पहनने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है।
2. इस समय गाय को गुड़ खिलाने से आर्थिक लाभ मिलता है।
3. इस दिन से शुरू कर रविवार को मंदिर में दीपक जलाने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
4. तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें दूध, लाल पुष्प और लाल चंदन मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देने से शत्रुओं पर विजय मिलती है।
Updated on:
22 Oct 2024 04:07 pm
Published on:
22 May 2023 08:20 pm
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