-29 अप्रैल 2022 से 11 जुलाई 2022 तक शनि कुंभ राशि में रहेगा।
-12 जुलाई 2022 से 16 जनवरी 2023 तक शनि मकर राशि में रहेगा।
-17 जनवरी 2023 से 29 मार्च 2025 तक शनि कुंभ राशि में गोचर रहेगा।
-इसके बाद गुरु की राशि मीन में प्रवेश कर जायेगा।
ये अवधि कुंभ राशि वालों के लिए क्यों है कष्टदायी: ज्योतिष अनुसार जिन लोगों पर शनि साढ़े साती चलती है उन्हें या तो तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है या फिर उनका जीवन सुखों से भर जाता है। अर्थात जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि जिस स्थिति में होगा उसे वैसे ही फल शनि साढ़े साती के दौरान प्राप्त होंगे। शनि साढ़े साती के तीन चरण होते हैं जिनमें इनका दूसरा चरण सबसे ज्यादा कष्टदायी माना जाता है। जो इस समय कुंभ राशि वालों पर चल रहा है। कहते हैं इस चरण में शनि साढ़े साती अपने शिखर पर होती है। इसलिए इस दौरान विशेष सावधानी बरतनी की सलाह दी जाती है। कुंभ वालों को अगले ढाई साल बेहद ही सतर्क रहना होगा।
शनि साढ़े साती के बुरे प्रभाव से बचने के सरल उपाय:
-भोजन में काले नमक और काली मिर्च का उपयोग जरूर करें।
-मीठी रोटी पर सरसों का तेल लगाकर काले कुत्ते को खिलाएं।
-शनिवार के दिन बंदरों को भुने हुए चने खिलाएं।
-रोजाना पूजा के समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
-लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर और उसमें तांबे का सिक्का डालकर घर के किसी अंधेरे भाग में रखें।
-शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करें। इसके लिए सबसे पहली रोटी उसे खिलाएं, उसे सिंदूर का तिलक लगाएं, सींग में मौली बांधें और फिर उसे मोतीचूर लड्डू खिलाकर उसके चरण स्पर्श करें।
-अगर आप शनि साढ़े साती से पीड़ित हैं तो हर शनिवार वट या पीपल के पेड़ के नीचे सूर्योदय से पहले कड़वे तेल का दीपक जलाएं और पेड़ की जड़ में शुद्ध कच्चा दूध और धूप अर्पित करें।बेहद खुशकिस्मत होते हैं इन नाम वाले लोग, कम उम्र में ही बना लेते हैं अपनी अलग पहचान
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)