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Shani Jayanti 2023: विशेष योग में होगी कर्मफलदाता की पूजा, उत्तर भारत में शनि जयंती पूजा की खास विधि

शनि जयंती पर शनि देव की पूजा (Shani Jayanti Puja vidhi) से शनि दोषों से राहत मिलती है और शनि की कृपा बरसती है। आइये जानते हैं शनि देव की पूजा विधि, शनि के उपाय और मंत्र (Shani Mantra) आदि।

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Pravin Pandey

May 09, 2023

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shani dev jayanti

Shani Jayanti 2023: पंचांग के अनुसार उत्तर भारत में शनि जयंती 19 मई 2023 को ज्येष्ठ अमावस्या शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। धर्म ग्रंथों में शनि देव को न्याय का देवता, कर्मफलदाता और दंडाधिकारी बताया गया है। धर्म ग्रंथों के अनुसार ये सूर्य देव और छाया के पुत्र हैं। मान्यता है कि कर्मफलदाता शनि देव की उनकी जयंती के दिन पूजा अर्चना से शनिदेव विशेष कृपा करते हैं। इस दिन दान दक्षिणा का विशेष महत्व होता है। इनका कार्य मनुष्यों को उनके कार्य के अनुसार फल देना, अच्छे कार्य का अच्छा फल और बुरे कार्य का बुरा फल देना है। लेकिन इनके कठोर रवैये के कारण तमाम लोगों में इनके प्रति भय का विचार रहता है। वहीं ज्योतिष में इन्हें पापी ग्रह, कठोर, धीमी चाल चलने वाला माना गया है।

शनि जयंती शुभ मुहूर्त (Shani Jayanti shubh muhurt)


शनि जयंती 19 मई शुक्रवार
अमावस्या तिथि का आरंभः 18 मई रात 9.42 बजे से
अमावस्या तिथि का समापनः 19 मई रात 9.22 बजे तक

शनि जयंती पर शुभ योग (Shani Jayanti Shubh Yog)
पंचांग के अनुसार शनि योग पर विशेष योग बन रहा है। इस दिन शोभन योग में शनि पूजा होगी। यह योग 18 मई को 7.37 बजे से 19 मई शाम 6.16 बजे तक है। इस दिन शनि स्वराशि कुंभ में रहकर शश राजयोग बनाएंगे। ऐसे में शनि देव की पूजा से विशेष फल मिलेगा। इसी के साथ इस दिन चंद्रमा गुरु के साथ मेष राशि में रहकर गजकेसरी राजयोग बनाएंगे।


इसके अलावा अन्य शुभ मुहूर्त
अभिजित मुहूर्त: 19 मई 12.09 पीएम से 1.01 पीएम
विजय मुहूर्तः 19 मई 2.46 से 3.38 पीएम

ये भी पढ़ेंः Shani Jayanti 2023: दक्षिण और उत्तर भारत में अलग-अलग दिन शनि जयंती, ये है कारण

शनि जयंती पूजा विधि (Shani Jayanti Puja Vidhi)


1. शनि जयंती के दिन सुबह उठकर स्नान ध्यान करें और तांबे के लोटे में सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लें
2. इसके बाद मंदिर में शनि देव को तेल, फूल माला और प्रसाद अर्पित करें।
3. एक काले कपड़े पर सुपाड़ी रखें और शनि देव को अर्पित कर दें।


4. शनि देव को जल, काजल, सिंदूर, पुष्प, अक्षत, धूप अर्पित करें, काली उड़द और तिल चढ़ाएं। तेल के पकवान चढ़ाएं।
5. तेल का दीपक जलाएं, शनि चालीसा या हनुमान चालीसा का पाठ करें। शनि की आरती पढ़ें, पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं।
6. किसी निर्धन व्यक्ति को भोजन कराएं और जरूरतमंद को दान दें।
7. शनि संबंधी चीजों के दान जैसे काले तिल, वस्त्र, काली दाल के दान से शनि महादशा में राहत मिलती है।

ऐसे करें शनि देव को प्रसन्न करने के मंत्र (Shani Mantra)
1. शनि जयंती के दिन पश्चिम दिशा की ओर दीपक जलाएं और ऊं शं अभयहस्ताय नमः मंत्र का जाप करें।
2. 11 माला ऊं शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करें।
3. शनि जयंती के दिन ऊँ नीलांजनसमाभामसं रविपुत्रं यमाग्रजं छायामार्तंडसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम मंत्र के जाप से शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है।

शनि देव के उपाय (Shani Ke Upay)
1. शनि देव की कृपा पाने के लिए शनि जयंती पर ऊं प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः और ऊं शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।
2. सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं, शाम को दीया जलाएं और बरजरंगबली की आराधना करें।
3. नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए महामृत्युंजय मंत्र या ऊं नमः शिवाय या सुंदरकांड का पाठ करें।