
नवदुर्गा के नौ संदेश
मां शैलपुत्री
पहले दिन की आराध्य शैलपुत्री देवी प्रकृति का रूप हैं। जिसका नियम मनुष्य की भलाई करना है। ये संदेश देती हैं कि जितनी आवश्यकता हो प्रकृति से उतना ही लें, अधिकता या लालच के चलते प्रकृति का रौद्र रूप गंभीर परिणाम देता है।
मां ब्रह्मचारिणी
तप की शक्ति मां ब्रह्मचारिणी का दूसरे दिन पूजन होता है। इन्हें तप की शक्ति का प्रतीक माना जाता है। यह संदेश देती हैं कि जीवन में बिना तपस्या अर्थात कठोर परिश्रम के सफलता प्राप्त करना असंभव है। बिना श्रम के सफलता प्राप्त करना ईश्वर के प्रबंधन के विपरीत है।
मां चंद्रघंटा
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का पूजन होता है, जिन्हें हमेशा युद्ध की मुद्रा में देखा जा सकता है। लाइफ मैनेजमेंट की नजर से देखें तो ये बताती हैं कि कुछ मुसीबतें अचानक आ जाती हैं। हमें इनसे निपटने के लिए व्यक्ति को सदैव तैयार रहना चाहिए।
मां कूष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन की प्रमुख देवी मां कूष्मांडा हैं। हेल्दी लाइफ की प्रतीक हैं, इनके हाथों में अमृत से भरा कलश है, जो कि शक्ति व निरोगी जीवन का प्रतीक है। यदि हमें भी अमृत कलश यानी शक्ति व निरोगी जीवन पाना है तो अपने अंदर की नकारात्मक प्रवृत्ति का अंत करना होगा।
मां स्कंदमाता
ये एकाग्रता के साथ संचालन का प्रतीक हैं, स्कंदमाता की पंचमी तिथि पर पूजा होगी, ये हमें बताती हैं कि जीवन अच्छाई-बुराई के बीच रहना किसी देवासुर संग्राम जैसा है। ये सैन्य संचालन जीवन की उठापटक से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।
मां कात्यायनी
इनका संदेश है डर के आगे जीत है, मां कात्यायनी का रूप शोक और भय से भयभीत होने की बजाय जीतने के लिए प्रेरित करती हैं। ये लोगों को स्वयं पर विश्वास करने के साथ बताती हैं कि तप, त्याग और परिश्रम के बल पर शोक व भय पर जीत पाई जा सकती है।
मां कालरात्रि
इनका संदेश है, सफलता के लिए तेज प्रयास करना चाहिए। मां दुर्गा का सातवां स्वरूप कालरात्रि है। माता का रौद्र रूप युद्ध में निर्णायक स्थिति को दर्शाता है। जीवन प्रबंधन के दृष्टिकोण से देखा जाए तो जब साधारण प्रयासों से सफलता न मिले तो अपने प्रयासों को और अधिक तेज कर देना चाहिए। इससे सफलता निश्चित रूप से मिलती है।
मां महागौरी
महाअष्टमी को महागौरी के रूप का पूजन होगा, जो कि गौर वर्ण की देवी हैं। इनकी छवि सकारात्मकता व शांति का प्रतीक है। ये हमें समस्याओं में भी सदैव सकारात्मक दृष्टिकोण रखने से मिलने वाली जीवन की शांति को प्रदर्शित करती हैं।
मां सिद्धिदात्री
नवरात्रि के अंतिम दिन सिद्धिदात्री का पूजन वंदन होगा, जो कि कमल पर विराजमान रहती हैं। ये अपने रूप से संदेश देती हैं कि व्यक्ति को कीचड़ रूपी बुराइयों के बीच रहकर भी सुंदर व साफ रहना चाहिए। तभी हमें सिद्धियां यानी ज्ञान की प्राप्ति होगी।
Updated on:
17 Oct 2023 01:03 pm
Published on:
17 Oct 2023 12:53 pm
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