
Muhharam tradition in ajmer
हजरत अब्बास अलमदार की याद में अलम का जुलूस निकाला गया। जुलूस में बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए। जायरीन और आमजन में अलम को चूमने की होड़ मची रही।
अजमेर. मोहर्रम से जुड़े रसूमात जारी हैं। दरगाह क्षेत्र में शुहजरत अब्बास अलमदार की याद में अलम का जुलूस निकाला गया। जुलूस में बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए। जायरीन और आमजन में अलम को चूमने की होड़ मची रही। इसके अलावा चांदी के ताजिए की जियारत के लिए जायरीन उमड़े।
परम्परा अनुसार खादिम समुदाय के बच्चे, बुजुर्ग और जवान हरे रंग के कुर्ते पहनकर छतरी गेट स्थित इमाम बारगाह पहुंचे। सभी ने बाजू पर इमाम जामिन बांधने के अलावा फकीरी पहनी। जुलूस छतरी गेट से रवाना होकर डोलियान चौक होता हुआ खादिम मोहल्ला स्थित इमाम बारगाह पहुंचा। यहां अलम पेश करने के बाद शहीदों की याद में सलाम पेश किया गया।
चांदी के ताजिए की जियारत
परम्परानुसार चांदी का ताजिया लंगरखानाइमामगाह से दरगाह परिसर स्थित महफिल खाना की सीढि़यों पर रखा गया। अकीदतमंद ने चांदी की ताजिए की जियारत की। जायरीन ने ताजिया शरीफ पर फूल पेश कर दुआ मांगी। चांदी का ताजिया अजमेर दरगाह में है। हर साल सिर्फ मोहर्रम पर ही इसकी जियारत कराई जाती है। इसके अलावा जायरीन ने बाबा फरीद के चिल्ले की जियारत भी की। बाबा फरीद की मजार पाक पट्टन में है।
ख्वाजा साहब की महाना छठी
ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की महाना छठी शनिवार को मनाई जा रही है। छठी की दुआ और मोहर्रम के रसूमात में शामिल होने के लिए हजारों जायरीन अजमेर पहुंच चुके हैं। दरगाह के अहाता-ए-नूर में सुबह 9 बजे कुरान शरीफ की तिलावत हाेगी। खुद्दाम-ए-ख्वाजा रस्म अदा कराएंगे। शिजराख्वानी और सलातो-सलाम पेश किया जाएगा। कायड़ विश्राम स्थली, गंज चौराहा, दिल्ली गेट और दरगाह बाजार में जायरीन की रौनक बनी हुई है।
गड्ढों के कारण दुर्घटनाएं
दरगाह संपर्क सड़क पर नागफणी से अंदरकोट तक गड्ढों के कारण दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं। इसको लेकर राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व सदस्य प्रताप सिंह यादव ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और जिला कलक्टर को पत्र लिखकर सड़क की मरम्मत कराने की मांग की है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीन दरगाह संपर्क सड़क तीन साल से खराब है। कई जगह गड्ढे हो चुके हैं।
मर्सियाख्वानी और बयाने शहादत
मोहर्रम के मौके पर दरगाह के छतरी गेट तथा पंचायत अंदरकोटियान पर मर्सियाख्वानी और बयाने शहादत का दौर जारी है। अंदरकोट पंचायत की ओर से मोहर्रम की सात तारीख को लंगर खाना से हताई चौक तक अलम का जुलूस निकाला जाएगा। तारागढ़ पर भी मोहर्रम से जुड़े कार्यक्रमों के तहत मर्सिया, सलाम व नोहे पढ़े जा रहे हैं।
तलवारों से खेलेंगे हाईदौस
मोहर्रम की 9 व 10 तारीख को दरगाह क्षेत्र स्थित अंदरकोट में तलवारों से हाईदौस खेलने की परम्परा है। हाईदौस अजमेर के अलावा पाकिस्तान के लाहौर में भी खेला जाता है। इसके लिए दी पंचायत अंदरकोटियान को जिला प्रशासन से इजाजत लेनी पड़ती है। शुक्रवार को प्रशासन हाईदौस के लिए पुलिस को तलवारें सौंपी। बाद में यह तलवारें पंचायत को सौंपी जाएंगी।
तारागढ़ पर मोहर्रम के रसूमात
तारागढ़ पर भी मोहर्रम के रसूमात जारी है। यहां भी बयान शहादत और अन्य कार्यक्रमों का दौर जारी है। इसके अलावा दौराई, सोमलपुर, खानपुरा और अन्य इलाकों में भी मोहर्रम के रसूमात जारी हैं। मजलिसों दौर बना हुआ है। हजरत इमाम हुसैन को याद किया जा रहा है। तारागढ़ पर 72 दिन कार्यक्रमों का सिलसिला चलेगा। यहां इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं होता है।
Updated on:
13 Jul 2024 09:24 am
Published on:
13 Jul 2024 09:23 am
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