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ईशा ग्रामोत्सवम् के मुरीद हुए मोदी के मंत्री अनुराग, बोले- यह जातिगत बाधाओं को तोड़ने का माध्यम

anurag thakur: मोटिवेशनल स्पीकर और आध्यात्मिक गुरु योगी सद्गुरु जग्गी वासुदेव एक तरफ दुनिया भर में भारतीयता, योग और आध्यात्म का परचम फहरा रहे हैं तो उनका ईशा फाउंडेशन देश के सामाजिक तानेबाने को दुरुस्त करने का प्रयास कर रहा है। अब पीएम नरेंद्र मोदी के मंत्री, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर इसके मुरीद हो गए हैं तो आइये जानते हैं पूरा मामला..

Sep 25, 2023 / 07:08 pm

Pravin Pandey

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ग्रामोत्सवम् कोयंबटूर ईशा फाउंडेशन

Gramotsavam 2023: कोयंबटूर में आदियोगी ईशा योग केंद्र के ईशा ग्रामोत्सवम् 2023 ग्रैंड फिनाले में अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह जातिगत बाधाओं को तोड़ने, ग्रामीणों को व्यसनों से दूर ले जाने, महिलाओं को सशक्त बनाने और ग्रामीण भावना को पुनर्जीवित करने का एक सामाजिक माध्यम है।

19 साल से चल रही मुहिम
बता दें कि योगी सद्गुरु ने 2004 में ईशा ग्रामोत्सवम् नाम से खेल और सांस्कृतिक उत्सव की सामाजिक पहल की शुरुआत की थी। इसका मकसद लोगों के जीवन में खेल और जीवंतता को प्रोत्साहित करना था। जिसमें ग्रामीण खेलों और संस्कृति का उत्सव मनाया जाता है। इसके समापन कार्यक्रम में खेल और कलाजगत की दिग्गज हस्तियां शामिल हुईं। इस दौरान लोकप्रिय तमिल अभिनेता संथानम और पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान धनराज पिल्लै ने भी 19 साल से चल रही इस सामाजिक पहल की सराहना की।
उत्सव जीवन का आधारः सद्गुरु
कार्यक्रम में योगी सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru JV) ने कहा कि उत्सव जीवन का आधार हैं, और यह तभी संभव है जब आप चंचल हों, तो यह देखना शानदार है कि 25,000 गांवों में, 60,000 से अधिक खिलाड़ी और उन गांवों में सैकड़ों और हजारों दर्शक, सभी किसी न किसी समय, यह बिना जाने कि वे क्या कर रहे हैं, वे कूदे होंगे, चिल्लाए होंगे, चीखे होंगे, हंसे होंगे और रोए होंगे। जीवन को घटित करने के लिए इसी की जरूरत है।
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दूध पीते बच्चों की मां भी पहुंची थी खेलने
ग्रामोत्सवम् ग्रैंड फिनाले में प्रतिस्पर्धा कर रहीं आंध्र प्रदेश की आनंदपुरम थ्रोबॉल टीम की कप्तान कुमारी ने अपने अनुभव भी साझा किए। कुमारी ने कहा कि शुरुआत में, हमारे परिवार के लोग हमें खेलने देने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन फाइनल में पहुंचने के बाद उनका नजरिया बदल गया है। अब वे हमारे सबसे बड़े चीयरलीडर्स बन गए हैं। हमारी टीम के साथी आमतौर पर दैनिक कामकाज में उलझे रहते हैं और हर रात को खेल के लिए अभ्यास करते थे। टीम की एक साथी फाइनल में भाग लेने के लिए अपने तीन महीने के बच्चे को घर पर छोड़कर आई है। यहां होना एक सपने के साकार होने जैसा है, और हम ईशा स्वयंसेवकों के बहुत आभारी हैं जो प्रशिक्षण से लेकर कोयंबटूर की यात्रा तक हमारे साथ खड़े रहे।

दक्षिण के छह राज्यों के 60 हजार लोग हुए शामिल
अगस्त के महीने में शुरू हुआ खेल महाकुंभ में दक्षिण के छह राज्यों के खिलाड़ी शामिल हुए। इसमें तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में प्रतियोगिता हुई। 194 से ज्यादा ग्रामीण जगहों पर आयोजित ईशा ग्रामोत्सवम प्रतियोगिता में 60 हजार खिलाड़ियों ने भागीदारी की, जिसमें 10 हजार से ज्यादा ग्रामीण महिलाएं भी शामिल रहीं। इन्होंने कबड्डी और थ्रोबॉल जैसे आयोजनों में भाग लिया।
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ये रहे विजेता
वॉलीबॉल में सेलम के उथमासोलपुरम ने FEC सिथुराजापुरम को हराया, थ्रोबॉल में पीजी पुदुर कोयंबटूर ने ट्रॉफी जीती, जबकि मारागोडु कर्नाटक का ब्लैक पैंथर दूसरे स्थान पर रहा। वहीं रेड और डिफेंस के शानदार प्रदर्शन के बाद इरोड टीम ने महिला कबड्डी में डिंडीगुल टीम को हराया। पैरालंपिक खेल में कोयंबटूर पैरा वॉलीबॉल एसोसिएशन कोयंबटूर ने कुमारी किंग्स कन्याकुमारी को हराकर पैरालंपिक वॉलीबॉल चैंपियनशिप जीती।

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