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ज्योतिष: बिगड़े काम बना सकता है ये जामुनिया रत्न, जानिए किन राशि वालों के लिए हो सकता है भाग्यशाली

कभी-कभी लोगों के बनते हुए काम भी बिगड़ जाते हैं या पूरे नहीं हो पाते लेकिन ऐसा अक्सर होता है तो इससे व्यक्ति मानसिक रूप से बहुत परेशान हो जाता है। उसे सब तरफ से निराशा ही हाथ लगती है। ऐसे में ज्योतिष अनुसार जामुनी रंग का यह रत्न आपके लिए बेहद भाग्यशाली साबित हो सकता है।

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ज्योतिष: बिगड़े काम बना सकता है ये जामुनिया रत्न, जानिए किन राशि वालों के लिए हो सकता है भाग्यशाली

Amethyst Stone: ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को बहुत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। मान्यता है कि जिस व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा होती है वह जीवन में हर सफलता और सुख पा सकता है। वहीं शनिदेव अगर रुष्ट हों तो जातक के जीवन में उथल-पुथल मचा सकते हैं। इस कारण व्यक्ति को कई शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ सकता हैं। ऐसे में ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक कुंडली में यदि शनि नीच स्‍थान पर विराजमान हैं तो शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ, उपाय के साथ ही रत्न धारण करने को भी लाभकारी माना गया है।

ज्योतिष शास्त्र में शनि दोषों से मुक्ति पाने के लिए मुख्‍य रत्‍न नीलम माना गया है लेकिन यह एक बेहद कीमती रत्न होता है जिसे हर किसी के लिए धारण करना मुमकिन नहीं हो पाता। वहीं ये रत्न हर किसी को सूट भी आसानी से नहीं करता। इसलिए नीलम का उपरत्‍न जामुनिया धारण करना आपके लिए शुभ साबित हो सकता है। लेकिन ज्योतिषीय सलाह से कुंडली अनुसार ही ये रत्न धारण करें। तो अब आइए जानते हैं इससे जुड़ी जरूरी बातें...

किसे पहनना चाहिए जामुनिया रत्न
जामुनिया रत्न को पर्पल स्टोन या एमेथिस्ट भी कहते हैं। ज्योतिष के मुताबिक यह रत्न वृषभ, मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि वाले लोगों के लिए धारण करना शुभ माना गया है।

कैसे करें धारण
ज्योतिष अनुसार शनिवार के दिन जामुनिया रत्न करना चाहिए। इसके लिए शनिवार की सुबह स्नान के बाद शनिदेव की पूजा करें। फिर जामुनिया रत्न की अंगूठी को गंगाजल में डुबोकर रख दें। इसके बाद शनि के मंत्र 'ऊं शं शनैश्‍चराय नम:' का जाप 108 बार करें। मंत्र जाप के बाद अपने दाएं हाथ की मध्‍यमा यानि बीच की अंगुली में इसे धारण कर लें। माना जाता है कि व्यक्ति को जामुनिया रत्न अपने वजन के दसवें भाग के बराबर ही धारण करना चाहिए।

जामुनिया रत्न के लाभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस रत्न को धारण करने वाले व्यक्ति के भीतर अपने काम के प्रति और समर्पण भाव आने लगता है। उसमें आध्यात्मिक, मानसिक और स्मरण शक्ति का विकास होता है। वहीं शनि दोष के कारण होने वाली घुटने, कंधे या रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति दिलाने में भी यह रत्न सहायक माना जाता है।

इसके अलावा व्यापार में आने वाली बाधाओं और आर्थिक तंगी से भी छुटकारा पाने के लिए जामुनिया रत्न धारण कर सकते हैं। वहीं जामुनिया रत्न से परावर्तित होने वाली प्रकाश की किरणें द्वारा आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और दांपत्‍य जीवन में मधुरता आती है।

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