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Ashadha Amavasya 2022: आषाढ़ अमावस्या कब है? स्नानदान समेत इन कार्यों को करना माना जाता है विशेष फलदायी

Ashadha Amavasya 2022 Date: हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को आषाढ़ अमावस्या कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन स्नान-दान करने से पुण्य फल प्राप्त होता है।

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Ashadha Amavasya 2022: आषाढ़ अमावस्या कब है? स्नानदान समेत इन कार्यों को करना माना जाता है विशेष फलदायी

शास्त्रों में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि का बहुत महत्व बताया गया है। साथ ही हिंदू कैलेंडर के अनुसार चौथे महीने आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को आषाढ़ अमावस्या कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति पवित्र नदियों में स्नान करता है और उसके बाद दान करता है उसके जीवन में सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। वहीं अमावस्या तिथि पर पितृ तर्पण, पिण्ड दान और ब्राह्मण भोज का भी विधान है जिससे कुंडली के कालसर्प दोष और पितृदोष से मुक्ति महीने की मान्यता है। आइए जानते हैं साल 2022 में कब है आषाढ़ अमावस्या और इस दिन किन कार्यों को करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है...

आषाढ़ अमावस्या 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 28 जून, मंगलवार को सुबह 5:52 बजे से प्रारंभ होकर इसका समापन 29 जून, बुधवार को सुबह 8:21 बजे होगा।

आषाढ़ अमावस्या को क्या करें

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक आषाढ़ अमावस्या के दिन शिव पूजा को खास बताया गया है। इस दिन शिव मंदिर में राहु काल के दौरान शिवलिंग की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

आषाढ़ अमावस्या के दिन सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करने के बाद सूर्य मंत्र और गायत्री मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है।

आषाढ़ अमावस्या के दिन पितृ तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध आदि का भी विधान है। इससे पितृदोष से मुक्ति मिलने की मान्यता है। साथ ही शास्त्रानुसार आषाढ़ अमावस्या के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान-दक्षिणा आदि देने से पितृ प्रसन्न होकर जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)

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