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558 साल बाद बन रहा है ये अद्भुत संयोग, सावन के आखिरी सोमवार को रक्षाबंधन पर इन बातों का रखें खास ध्यान

रक्षाबंधन 2020 : जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

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Auspicious time to tie Rakhi on Rakshabandhan 2020

Auspicious time to tie Rakhi on Rakshabandhan 2020

इस बार सावन के आखिरी सोमवार को पड़ रहा रक्षाबंधन बहुत खास है। दरअसल यह अत्‍यंत दुर्लभ संयोगों के बीच आ रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि इसका प्रभाव भी गहरा होगा।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार आगामी 3 अगस्‍त को रक्षाबंधन पर 29 वर्ष बाद शुभ संयोग बन रहा है। वहीं सबसे खास बात यह है कि 558 साल बाद पहली बार सावन माह की पूर्णिमा पर गुरु और शनि अपनी राशि में वक्री रहेंगे।

सोमवार 3 अगस्त को लेकर सावन माह की अंतिम तिथि पूर्णिमा है। इसी तिथि पर रक्षाबंधन मनाया जाता है। पंडित शर्मा के अनुसार इस बार विशेष योग रक्षाबंधन पर बन रहे हैं, इसमें सुबह 9:30 बजे तक भद्रा रहेगी। भद्रा के बाद ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधना चाहिए। वहीं सुबह 9.30 के बाद पूरे दिन राखी बांध सकते हैं।

3 तारीख को सुबह 9.30 बजे के बाद पूरे दिन श्रवण नक्षत्र रहेगा। ऐसे में पूर्णिमा पर पूजन के बाद अपने गुरु का आशीर्वाद लेना शुभकारी रहेगा।

रक्षाबन्धन पर गुरु अपनी राशि धनु में और शनि मकर में वक्री रहेगा। इस दिन चंद्र ग्रह भी शनि के साथ मकर राशि में रहेगा। पं. शर्मा के अनुसार शत वर्षीय पंचांग अनुसार ऐसा योग 558 साल पहले 1462 में बना था। उस साल में 22 जुलाई को रक्षाबंधन मनाया गया था।

वहीं इस बार रक्षाबंधन पर राहु मिथुन राशि में, केतु धनु राशि में है। 1462 में भी राहु-केतु की यही स्थिति थी। साथ ही श्रावण सोमवार व पूर्णिमा एक साथ होने से आनंद योग सर्वाथ सिद्ध योग - श्रावण योग बन रहा है जो आज से 29 वर्ष पूर्व वर्ष 1991 में बना था, इस वर्ष रक्षाबंधन पर भ्रदा का साया भी नहीं रहेगा।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त auspicious time to tie Rakhi ...
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त date and auspicious time to tie Rakhi in 2020 इस प्रकार रहेगा कुंभ सिंह वृश्चिक लगन में राखी बांधना शुभ रहेगा, सुबह 9.30से10.30 तक दोपहर 1.30से शाम 7.30 तक व रात 10.30 से 12 बजे तक राखी बांधना व बंधवाना शुभ रहेगा और लाभकारी।

राखी बांधने का मुहूर्त (कब से कब तक) : 09:27:30 से 21:11:21 तक
अवधि : 11 घंटे 43 मिनट
रक्षा बंधन अपराह्न मुहूर्त : 13:45:16 से 16:23:16 तक
रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त : 19:01:15 से 21:11:21 तक

दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग
ब्राह्मण अपने यजमानो के लिए यह रक्षा सूत्र धारण कराते है व श्रावणी उपा कर्म भी करते है।इस साल सावन के आखिरी सोमवार पर रक्षाबंधन का त्योहार पड़ रहा है। पंडित सुनील शर्मा के अनुसार भाई-बहन का पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन इस बार बेहद खास होगा, क्योंकि इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग बन रहा है। रक्षाबंधन पर ऐसा शुभ संयोग 29 साल बाद आया है।

प्रातः काल में करें विधिवत पूजा
रक्षाबंधन पर सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। स्नान के बाद देवी-देवताओं की पूजा करें। पितरों के लिए धूप-ध्यान करें। इन शुभ कामों के बाद पीले रेशमी वस्त्र में सरसों, केसर, चंदन, चावल, दूर्वा और अपने सामर्थ्य के अनुसार सोना या चांदी रख लें और धागा बांधकर रक्षासूत्र बना लें।

इसके बाद घर के मंदिर में एक कलश की स्थापना करें। उस पर रक्षासूत्र को रखें, विधिवत पूजन करें। पूजा में हार-फूल चढ़ाएं। वस्त्र अर्पित करें, भोग लगाएं, दीपक जलाकर आरती करें। पूजन के बाद ये रक्षासूत्र को दाहिने हाथ की कलाई पर बंधवा लेना चाहिए। बहने सूखा नारियल गोला ना रखकर पानी वाला नारियल दें।

भाई व बहन इन बातों रखें विशेष ध्‍यान...
भले ही इस साल भद्रा और ग्रहण का साया रक्षाबंधन पर नहीं पड़ रहा है। जो भाई-बहन कोरोना के चलते इस बार दूर हैं, वो जल्दबाजी न करें, जहां हैं वहीं से रक्षाबंधन मनाएं। वीडियो कॉल, ऑडियो कॉल के जरिए एक दूजे को देखें, दुआएं करें, लम्बी उम्र की मनोकामना करें। इस बार श्रावणी पूर्णिमा के साथ महीने का श्रावण नक्षत्र भी पड़ रहा है, इसलिए पर्व की शुभता और बढ़ जाती है। श्रावणी नक्षत्र का संयोग पूरे दिन रहेगा।