Nirjala Ekadashi 2023: आज इन चार योगों में पड़ रही है निर्जला एकादशी, जानें इसकी खासियत
भोपालPublished: May 31, 2023 07:43:28 am
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी निर्जला एकादशी ( Nirjala Ekadashi 2023 time) के रूप में जानी जाती है, इस व्रत का पालन सभी एकादशी में सबसे कठिन है, खास बात यह है कि इस साल यह एकादशी चार योगों के बीच पड़ रही है (nirjala ekadashi 2023 date and importance) तो आइये जानते हैं निर्जला एकादशी व्रत, निर्जला एकादशी कथा, भीमसेनी एकादशी पूजा विधि, निर्जला एकादशी के दिन योग (Auspicious Yoga On Nirjala Ekadashi)और इसके महत्व के बारे में..


निर्जला एकादशी 31 मई 2023 को ऐसे करें पूजा
निर्जला एकादशी का महत्व (Nirjala ekadashi significance)
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। साल में पड़ने वाली सभी 24 एकादशी अलग-अलग नाम से जानी जाती है। इसी तरह ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी निर्जला एकादशी के नाम से जानी जाती है। मान्यता है कि एकादशी व्रत रखने वालों पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। इससे चारों पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है।
प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय के अनुसार निर्जला एकादशी व्रत साल में पड़ने वाली सभी 24 एकादशी के व्रत में सबसे कठिन माना जाता है। क्योंकि यह उपवास भीषण गर्मी में पड़ता है और इस व्रत में अन्न के साथ जल का भी त्याग करना पड़ता है। इसलिए साल में एक बार सिर्फ निर्जला एकादशी रखने वाले व्यक्ति को सभी एकादशी के बराबर पुण्यफल मिल जाता है और साधक को सुख संपत्ति समेत मोक्ष की प्राप्ति होती है।
निर्जला एकादशी तिथि का आरंभः 30 मई 2023 मंगलवार दोपहर 1.07 पीएम से
निर्जला एकादशी तिथि का समापनः 31 मई 2023 बुधवार दोपहर 1.45 पीएम तक
उदयातिथि में निर्जला एकादशीः 31 मई 2023 बुधवार को
पारण का समयः 1 जून को 5.24 एएम से 8.10 एएम के बीच
निर्जला एकादशी के दिन शुभ योग (Auspicious Yoga On Nirjala Ekadashi 2023)