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वसंत पंचमी 2021 : इस Vasant Panchami राशि अनुसार अपनाएं ये उपाय

locationभोपालPublished: Feb 08, 2021 06:15:09 pm

विद्यार्थी क्या करें…

Basant Panchami 2021 : which thing gives you profit

Basant Panchami 2021 : which thing gives you profit

हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी या वसंत पंचमी का पर्व होता है। भारत में इसी दिन से बसंत ऋतु का आरम्भ होता है। इस दिन विद्या की देवी माता सरस्वती पूजा अर्चना भी की जाती है। इस साल यानि 2021 में 16 फरवरी को सुबह 03 बजकर 36 मिनट पर पंचमी तिथि लगेगी, जो कि अगले दिन यानी 17 फरवरी को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में पंचमी तिथि 16 फरवरी को पूरे दिन रहेगी।

ऐसे में आज हम आपको सबसे पहलेज्योतिष के अनुसार इस दिन आपको क्या करना चाहिए, इसके बारे में बता रहे हैं। माना जाता है कि इस दिन राशि अनुसार निम्नलिखित विशेष उपाय करने से सुख-समृद्धि भी मिलती है।

1. मेष राशि- भगवान हनुमान की पूजा कर उनके बाएं चरण का सिन्दूर लेकर वसंत पंचमी से नित्य तिलक करें तथा हनुमान चालीसा का पाठ करें। विद्या व बुद्धि के लिए ‘ऐं’ का जप करें।

2. वृषभ राशि- इमली के पत्ते 22 नग लेकर 11 पत्ते माता सरस्वती के यंत्र या चित्र पर चढ़ाएं। 11 पत्ते अपने पास सफेद वस्त्र में लपेटकर रखें, सफलता मिलेगी।

3. मिथुन राशि- भगवान गणेश का यथा उपचार-पूजन कर यज्ञोपवीत चढ़ाएं तथा 21 दूर्वादल के अंकुर 21 बार ‘ॐ गं गणपतये नम:’ का जप कर चढ़ाएं। विद्या प्राप्ति के विघ्न दूर होंगे।

4. कर्क राशि- माता सरस्वती के यंत्र या चित्र पर ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:’ जप कर आम के बौर चढ़ाएं।

5. सिंह राशि – ‘ॐ ऐं नम:..’ गायत्री मंत्र ‘नमो ऐं ॐ’ से संपुटित कर जपें, लाभ होगा।

6. कन्या राशि – पुस्तक, ग्रंथ इत्यादि दान करें तथा ‘ॐ ऐं नम:’ का जप करें।

7. तुला राशि -पुस्तक ग्रंथ तथा सफेद वस्त्र किसी ब्राह्मण कन्या को पूजन कर दान करें तथा श्वेत मिठाई खिलाएं। ‘ॐ ऐं नम:’ का जप करें।

8. वृश्चिक राशि – माता सरस्वती का पूजन कर श्वेत रेशमी वस्त्र चढ़ाएं तथा कन्याओं को दूध से बनी मिठाई खिलाएं। ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:’ का जप करें।

9. धनु राशि – माता सरस्वती का पूजन करें तथा श्वेत चंदन चढ़ाएं, श्वेत वस्त्र दान करें।

10. मकर राशि – सूर्योदय के पहले ब्राह्मी नामक औषधि का सेवन कर ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:’ से मंत्रि‍त कर पी लें। सफलता कदम चूमेगी।

11. कुंभ राशि – माता सरस्वती का पूजन कर कन्याओं को खीर खिलाएं तथा ‘ॐ ऐं नम:’ जपें।

12. मीन राशि – अपामार्ग की जड़ शास्त्रीय तरीके से निकालकर पुरुष अपनी दाहिनी भुजा तथा स्त्री अपनी बाईं भुजा पर ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:’ की 11 माला, स्फटिक माला से कर सफेद वस्त्र में बांधकर धारण करें।

ज्योतिष के जानकार पंडित सुनील शर्मा के अनुसार इस समय ऐसे व्यक्ति जिन्हें अपनी राशि इत्यादि के बारे में शंका या भ्रम हो, वे स्फटिक माला से यथाशक्ति ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:’ का जप कर कन्याओं को दूध से बनी मिठाई खिलाएं।
: स्वास्थ्य के लिए ‘ॐ जूं स:’ का जप करें।
: धन के लिए ‘ॐ श्रीं नम:’ या ‘ॐ क्लीं नम:’ का जप करें।

वसंत पंचमी मुहूर्त्त (Basant Panchmi Sarswati Pujan Muhurat 2021) …
सरस्वती पूजा मुहूर्त : 06:59:11 से 12:35:28 तक
अवधि : 05 घंटे 36 मिनट

विद्यार्थी क्या करें…
वसंत पंचमी सभी के लिए महत्व रखती है। वसंत पंचमी पर विद्यार्थियों को माता सरस्वती की आराधना अवश्य करनी चाहिए। जो लोग सरस्वती के कठिन मंत्र का जप नहीं कर सक‍ते उनके लिए प्रस्तुत है मां सरस्वती के सरल मंत्र। वसंत पंचमी में इस मंत्र का पाठ करने से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है।

ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।’

– मां सरस्वती का सुप्रसिद्ध मंदिर मैहर में स्थित है। मैहर की शारदा माता को प्रसन्न करने का मंत्र इस प्रकार है।

शारदा शारदांभौजवदना, वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रियात्।

– शरद काल में उत्पन्न कमल के समान मुखवाली और सब मनोरथों को देने वाली मां शारदा समस्त समृद्धियों के साथ मेरे मुख में सदा निवास करें।

: सरस्वती का बीज मंत्र ‘क्लीं’ है। शास्त्रों में क्लींकारी कामरूपिण्यै यानी ‘क्लीं’ काम रूप में पूजनीय है।

नीचे दिए गए मंत्र से मनुष्य की वाणी सिद्ध हो जाती है। समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाला यह मंत्र सरस्वती का सबसे दिव्य मं‍त्र है।

: सरस्वती गायत्री मंत्र : ‘ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्‌।

माना जाता है कि इस मंत्र की 5 माला का जाप करने से साक्षात मां सरस्वती प्रसन्न हो जाती हैं तथा साधक को ज्ञान-विद्या का लाभ प्राप्त होना शुरू हो जाता है। विद्यार्थियों को ध्यान करने के लिए त्राटक अवश्य करना चाहिए। 10 मिनट रोज त्राटक करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। यह एक बार अध्ययन करने से कंठस्थ हो जाता है।

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