1. धोखा मिलने पर
आचार्य चाणक्य के अनुसार किसी धोखा खाए व्यक्ति को इस बात का जिक्र दूसरों से नहीं करना चाहिए। क्योंकि अगर आप अपने साथ हुए धोखाधड़ी की कहानी जग-जाहिर करते हैं, तो इससे लोग आपको बहुत ही सीधा और कमजोर बुद्धि वाला समझ सकते हैं। साथ ही उनमें से कुछ लोग आपके साथ फिर से धोखेबाजी कर सकते हैं। इसलिए ध्यान रखें कि इन बातों को दूसरों के सामने करने से लोग आपको कमतर आंकने लगेंगे और आपकी बातों को गंभीरता से लेना बंद कर देंगे।
2. धन हानि की बात
चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को व्यवसाय में हुए घाटे की बात अन्य लोगों के समक्ष नहीं करनी चाहिए। क्योंकि आपके विरोधियों को ये बात पता पड़ने पर वे आपको और नुकसान पहुँचाने की कोशिश के सकते हैं। वहीं धन न होने पर कुछ लोग आपको हारा हुआ और बेकार समझकर आपसे दूरी बना लेंगे। इसलिए समाज में पैसों के नुकसान की बात बताकर अपनी आर्थिक स्थिति को प्रकट न करें।
3. पत्नी से जुड़ी बातें
पति को अपनी पत्नी से हुई खिटपिट की बातें भी सभी को नहीं बतानी चाहिए। यानि यदि आपकी पत्नी में कोई खामी या अवगुण है और इस परिस्थिति में वह आपसे झगड़ा करे या आपका अनादर करे दे, तो भी आपको ये बातें दूसरों के सामने नहीं बोलनी चाहिए। क्योंकि चाणक्य नीति के अनुसार ऐसा करने से आपका वैवाहिक जीवन औरों के सामने उपहास का विषय बन सकता है। साथ ही आपकी पत्नी और आपकी दोनों की छवि समाज में खराब हो सकती है।