
Ganesh Chaturthi 2022: भगवान गणेश की पूजा में क्यों जरूरी है दूर्वा, जानें क्या है इसके पीछे की कहानी
गणेश चतुर्थी का पर्व इस साल 31 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा। इस दिन भक्तजन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ और कई उपाय करते हैं। वहीं बप्पा की पूजा में कुछ खास चीजों का होना जरूरी माना गया है जिनमें से एक दूर्वा या दूब भी है। मान्यता है कि दो-दो के जोड़े में रोजाना पूजा के दौरान गणेश जी को दूर्वा अर्पित करने से वे प्रसन्न होकर जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्यों गणपति जी को दूर्वा अत्यंत प्रिय है? आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी...
क्यों चढ़ाई जाती है भगवान गणेश को दूर्वा
एक पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में एक अनलासुर नाम का असुर था। उसने अपनी दुष्टता से सब जगह पर हाहाकार मचा रखा था। अनलासुर मानव, ऋषि-मुनि और दैत्यों सभी को जिंदा ही निगल जाता था। इस कारण सारे देवतागण बेहद परेशान हो गए थे क्योंकि उस असुर के आतंक के सामने किसी की शक्ति काम नहीं आ रही थी। इसके बाद सभी देवतागण राक्षस अनलासुर के वध की प्रार्थना लेकर भगवान गणेश के पाद पहुंचे।
फिर भगवान गणेश ने भी दैत्य अनलासुर का अंत करने के लिए उसे जिंदा ही निगल लिया। जब भगवान गणेश ने अनलासुर को निगल लिया तो उसके बाद उनके पेट में बहुत जलन होने लगी। इस जलन से मुक्ति पाने के लिए गणपति जी को ऋषि कश्यप ने 21 दूर्वा इकट्ठा करके समूह बनाकर खाने के लिए दीं। दूर्वा खाने के तुरंत बाद भगवान गणेश के पेट की जलन शांत हो गई। तभी से माना जाता है कि लंबोदर को दूर्वा अत्यंत प्रिय हो गई और इसी कारण उनकी पूजा के दौरान 21 दूर्वा चढ़ाई जाती है।
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Published on:
29 Aug 2022 04:28 pm
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