
Hanuman Janmotsav North India
प. अरविंद तिवारी के अनुसार हनुमानजी भगवान शिव के एकादश रुद्र अवतार माने जाते हैं, इन्हें महावीर के नाम से भी जाना जाता है। ये प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हैं, त्रेता युग में हनुमानजी महाराज ने चैत्र पूर्णिमा को जन्म लिया था।
पं. तिवारी के अनुसार हनुमानजी ही एकमात्र ऐसे अवतार हैं जो पृथ्वी पर अजर-अमर हैं, यानी ये पृथ्वी पर भी आत्मा के शरीर त्याग और जन्म-मृत्यु के नियम से मुक्त हैं। साथ ही ये चारों युगों में विद्यमान हैं।
मान्यता है कि जहां-जहां प्रभु श्रीराम की कथा होती है, वहां हनुमानजी किसी न किसी स्वरूप में अवश्य मौजूद होते हैं। हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए भगवान श्रीराम के जीवन चरित का बखान करने वाली रामायण और रामचरित मानस के सुंदरकांड का पाठ किया जाता है। इससे प्रभु हनुमान की अनुकंपा भक्त पर बरसती है।
Chaitra Purnima: दृक पंचांग के अनुसार चैत्र पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 5 अप्रैल को 9.19 एएम से हो रही है और यह तिथि सुबह छह अप्रैल को 10.04 बजे संपन्न होगी। इसलिए उदया तिथि में चैत्र पूर्णिमा यानी हनुमान जयंती (Hanuman Janmotsav 2023) छह अप्रैल को मनाई जाएगी।
हनुमान जयंती पर हनुमानजी की पूजा (hanumanji puja vidhi)
प. अरविंद तिवारी के अनुसार हनुमान जयंती पर हनुमानजी की पूजा अलग-अलग प्रकार से करने की विधि प्रचलित है। बहुत सारे लोग मंत्रों के आधार पर प्रभु की पूजा अर्चना करते हैं परंतु आप साधारण तरीके से ही पूजा करेंगे तो उसका विशेष फल आपको प्राप्त होगा।
1. प्रातः काल स्नान करके मारुति नंदन की पूजा अर्चना करें, हालांकि इससे पहले गणपति की पूजा अर्चना अवश्य करें। इससे विशेष लाभ होगा
2. इसके बाद भगवान श्रीराम माता सीता की पंचोपचार पूजा अर्चना करें, फिर हनुमानजी महाराज की पूजा करें।
3. देसी घी का दीपक जलाएं और लाल रंग के पुष्प फल दीपक इत्यादि अर्पित करें।
4. भगवान हनुमान के सम्मुख हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।
हनुमानजी की विशेष पूजा
यदि आपके मन में कोई लालसा है तो आप कम से कम 108 बार हनुमान चालीसा या 108 बार बजरंग बाण ज्ञान, रामरक्षा स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं।
Updated on:
31 Mar 2023 03:09 pm
Published on:
31 Mar 2023 03:08 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
