
Janmashtami 2022: कान्हा जी को करना है प्रसन्न तो जन्माष्टमी की पूजा में जरूर शामिल करें उनकी ये प्रिय चीजें
हर साल भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। खासतौर पर मथुरा और वृंदावन में तो जन्माष्टमी देखने लायक होती है। इस दिन रात्रि 12 बजे कान्हा जी के जन्म के बाद उन्हें स्नान कराया जाता है, शृंगार किया जाता है और भोग लगाकर विधिपूर्वक पूजा-आरती की जाती है। इसके बाद ही भक्तजन व्रत खोलते हैं। वहीं कान्हा जी की पूजा में कुछ ऐसी वस्तुएं हैं जिनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। तो आइए जानते हैं जन्माष्टमी पूजा में किन चीजों का होना जरूरी है...
धनिए की पंजीरी
जन्माष्टमी की पूजा में पिसे हुए धनिए का खास महत्व होता है। ऐसे में जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को सूखे धनिए की पंजीरी का भोग लगाना शुभ होता है। वहीं ज्योतिष में धनिया को धन से जोड़कर देखा जाता है। मान्यता है कि कान्हा जी को धनिए की पंजीरी का भोग लगाने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
गाय का घी और मूर्ति
हिन्दू धर्म में गौमाता को पूजनीय माना गया है। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कृष्ण जी को बचपन से ही गायों से बहुत लगाव था। वे अक्सर गायों और उनके बछड़ों के साथ खेलते थे या उन्हें चराने ले जाते थे। इसलिए जन्माष्टमी की पूजा में लड्डू गोपाल के साथ गाय की छोटी सी मूर्ति भी अवश्य रखें। इसके अलावा गाय के दूध और घी को जरूर शामिल करें।
वैजयंती के पुष्प
मान्यता है कि कृष्ण जी को वैजयंती का फूल बहुत प्रिय होता है। ऐसे में हो सके तो पूजा में वैजयंती के पुष्प या उसकी माना अवश्य चढ़ाएं। इससे कान्हाजी प्रसन्न होकर हर आपकी मनोकामना पूरी करते हैं।
बांसुरी
कहा जाता है कि कान्हा जी की बांसुरी की धुन के तो सभी दीवाने थे। जब भी वे बांसुरी बजाते थे तो उसकी मधुर आवाज सुनकर गोपियां नाच उठती थीं। इसलिए जन्माष्टमी की पूजा में कान्हा जी की मूर्ति के पास बांसुरी रखने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं।
यह भी पढ़ें: स्वप्न शास्त्र: सपने में पैसे दिखाई देना कब हो सकता है चिंताजनक?
Updated on:
16 Aug 2022 12:28 pm
Published on:
16 Aug 2022 12:27 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
