
Janmashtami 2022 Aarti: जन्माष्टमी पूजा के बाद जरूर करें भगवान कृष्ण की ये आरती
Shree Krishna Aarti: आज 18 अगस्त 2022 को जन्माष्टमी मनाई जा रही है। इस दिन रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म के बाद उन्हें स्नान करवाकर मुकुट, कुंडल, तिलक आदि से शृंगार किया जाता है। साथ ही कृष्ण की प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन पूजन के बाद आरती करना भी बहुत शुभ माना गया है। मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से धूप, दीप द्वारा जन्माष्टमी के दिन ये आरती गाकर कृष्ण जी आराधना करता है उसे जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है...
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला।
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली।
लतन में ठाढ़े बनमाली,
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की…॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं।
गगन सों सुमन रासि बरसै
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की…॥
जहां ते प्रकट भई गंगा, सकल मन हारिणि श्री गंगा।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की…॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
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Updated on:
17 Aug 2022 05:15 pm
Published on:
17 Aug 2022 05:14 pm
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