
कामाख्या देवी मंदिर में प्रसाद रूप में भक्तों को देते हैं गीला कपड़ा, जानिए क्या है मान्यता
Kamakhya Shakti Peeth: दुर्गा मां के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक कामाख्या देवी मंदिर असम के गुवाहाटी में नीलांचल पर्वत पर स्थित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान भोलेनाथ का माता सती के प्रति मोह भंग करने के लिए विष्णु भगवान ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती की मृत देह के 51 हिस्से कर दिए थे। यह शरीर के हिस्से जहां-जहां गिरे वहां शक्तिपीठों की उत्पत्ति हुई। वहीं असम के गुवाहाटी क्षेत्र में माता सती के योनि भाग के गिरने से कामाख्या शक्तिपीठ की उत्पत्ति हुई थी। कामाख्या शक्तिपीठ से बहुत सी कथाएं और रोचक तथ्य जुड़े हुए हैं।
इन्हीं में से एक रोचक बात यह है कि इस मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में कोई खाने की वस्तु नहीं, बल्कि गीला पकड़ा दिया जाता है जिसे अंबुबाची वस्त्र कहते हैं। तो आइए जानते हैं इस अनोखे प्रसाद के पीछे क्या है मान्यता...
क्यों दिया जाता है भक्तों को प्रसाद रूप में गीला कपड़ा
कहा जाता है कि कामाख्या देवी मंदिर में मां कामाख्या के रसज्वला होने के समय मूर्ति के आसपास सफेद कपड़ा बिछा दिया जाता है और उस दौरान मंदिर के पट भी बंद कर दिए जाते हैं जिन्हें 3 दिन बाद खोला जाता है। कहते हैं कि दरवाजे खोलने के बाद मूर्ति के आसपास बिछाया हुआ सफेद कपड़ा माता के रज के लाल रंग से भीगा मिलता है और फिर इसी कपड़े को भक्तों में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)
Updated on:
10 May 2022 05:50 pm
Published on:
10 May 2022 05:49 pm
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