
शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि सही सामग्री, सही विधि और मंत्रोच्चारण द्वारा रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनोवांछित फल का वरदान देते हैं। इसके अलावा रोगों तथा ग्रह जनित दोषों से छुटकारा पाने के लिए भी रुद्राभिषेक बहुत फलदायी माना गया है। परंतु ध्यान रखें कि मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु उसी के अनुरूप सामग्री का चुनाव करें। तो आइए जानते हैं शिवशंभु को प्रसन्न करने वाले रुद्राभिषेक से जुड़ी हर जानकारी के बारे में...
रुद्राभिषेक और उससे जुड़े लाभ:
पंचामृत द्वारा-
दूध, मिश्री, दही, शहद तथा घी इन सभी सामग्रियों से तैयार पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करने से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
जल द्वारा-
शास्त्रों के अनुसार, जल द्वारा रुद्राभिषेक करने से भक्तों को अपार धन प्राप्त होता है।
घी द्वारा-
शिवलिंग पर घी से अभिषेक करने से वंश को बढ़ावा मिलता है।
दूध, शक्कर द्वारा-
पढ़ने वाले छात्र यदि चीनी मिले दूध से रुद्राभिषेक करते हैं, तो इससे उनकी बुद्धि का विकास होता है।
सरसों के तेल द्वारा-
सरसों के तेल से भोलेनाथ का अभिषेक करने पर जातकों को शत्रुओं से छुटकारा मिलता है।
गाय के दूध द्वारा-
पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखने वाले भक्तों के लिए शिवरात्रि के दिन गाय के दूध द्वारा शिव जी का अभिषेक करना काफी अच्छा माना जाता है।
दही द्वारा-
संपत्ति से जुड़े लाभ के लिए दही से रुद्राभिषेक करना उत्तम रहता है।
गन्ने के रस द्वारा-
अगर आप कर्जे से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।
रुद्राभिषेक में इन नियमों का रखें ख्याल:
1. रुद्राभिषेक करने के लिए किसी मंदिर पर जाकर शिवलिंग पर अभिषेक करना उत्तम माना गया है। लेकिन यदि आपके घर पर भी शिवलिंग स्थापित है तो आप वहाँ भी रुद्राभिषेक कर सकते हैं।
2. जल द्वारा अभिषेक करते समय ध्यान रखें कि तांबे के लोटे में ही जल भरकर रुद्राभिषेक करें।
3. अगर आपके घर या आसपास कहीं भी शिवलिंग स्थापित नहीं है, तो आप अपने हाथ के अंगूठे को शिवलिंग मानकर भी अपनी पूजा सफल कर सकते हैं।
4. किसी नदी के तट पर स्थित शिवलिंग का अभिषेक सर्वोत्तम माना गया है।
रुद्राभिषेक के समय इन मंत्रों का उच्चारण है बहुत फलदायी: विद्वानों के अनुसार अगर भक्तजन रुद्राभिषेक करते समय रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का जाप करते हैं तो उन्हें मनचाहा फल मिलता है। तो आइए जानते हैं रुद्राभिषेक के दौरान किन मंत्रों का उच्चारण करें-
रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: ॥
ॐ नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च ॥
ईशानः सर्वविद्यानामीश्व रः सर्वभूतानां ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपति ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवोय् ॥
तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥ अघोरेभ्योथघोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः सर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररुपेभ्यः॥
वामदेवाय नमो ज्येष्ठारय नमः श्रेष्ठारय नमो
रुद्राय नमः कालाय नम: कलविकरणाय नमो बलविकरणाय नमः
बलाय नमो बलप्रमथनाथाय नमः सर्वभूतदमनाय नमो मनोन्मनाय नमः ॥
सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः ।
भवे भवे नाति भवे भवस्व मां भवोद्भवाय नमः ॥
नम: सायं नम: प्रातर्नमो रात्र्या नमो दिवा ।
भवाय च शर्वाय चाभाभ्यामकरं नम: ॥
यस्य नि:श्र्वसितं वेदा यो वेदेभ्यो खिलं जगत् ।
निर्ममे तमहं वन्दे विद्यातीर्थ महेश्वरम् ॥
त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिबर्धनम् उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा
मृतात् ॥
सर्वो वै रुद्रास्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु । पुरुषो वै रुद्र: सन्महो नमो नम: ॥
विश्वा भूतं भुवनं चित्रं बहुधा जातं जायामानं च यत् । सर्वो ह्येष रुद्रस्तस्मै रुद्राय
नमो अस्तु ॥
Updated on:
01 Mar 2022 11:42 am
Published on:
28 Feb 2022 01:34 pm
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