26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Makar Sankranti 2023: देशभर में मकर संक्रांति की धूम, जानिए बन रहे कौन-कौन मुहूर्त

Makar Sankranti वैसे तो अबूझ मुहूर्त माना जाता है, ज्योतिष और हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन शुरू किए जाने वाले सारे कार्य शुभ फल देने वाले हैं। लेकिन इस साल यानी मकर संक्रांति 2023 (Makar Sankranti 2023) पर कई शुभ मुहूर्त हैं। इनमें से एक मुहूर्त में शुरू किए गए नए कार्य में (Makar Sankranti 2023 Shubh Muhurt ) सफलता की संभावना बढ़ जाती है।

2 min read
Google source verification

image

Pravin Pandey

Jan 14, 2023

makar_sankranti_shubh_muhurt.jpg

मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त

Makar Sankranti Muhurt: बता दें कि दिल्ली के समय के अनुसार मकर राशि में सूर्य गोचर (Sun Transit) 14 जनवरी रात 8.21 बजे शुरू हो रहा है। लेकिन उदयातिथि में मकर संक्रांति में 15 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन बन रहे प्रमुख मुह्रूर्त ये हैं।

मकर संक्रांति का पुण्यकालः 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्यकाल सुबह 6.58 बजे से शाम 5.38 बजे तक
महापुण्यकालः 15 जनवरी सुबह 6.58 बजे से सुबह 8.45 बजे तक

अभिजीत मुहूर्तः मकर संक्रांति 15 जनवरी को सुबह 11.46 AM से 12.29 PM
अमृतकाल मुहूर्तः मकर संक्रांति 15 जनवरी को दोपहर 12.32 से 2.12 बजे तक
विजय मुहूर्तः मकर संक्रांति 15 जनवरी को दोपहर 1.55 बजे से 2.38 बजे तक


अभिजीत मुहूर्तः यह मुहूर्त मध्याह्न के समय का शुभ मुहूर्त (abhijit muhurat) होता है। इसकी अवधि 48 मिनट होती है, इसमें असंख्य दोषों को नष्ट करने की क्षमता होती है। सभी प्रकार के मांगलिक कार्य शुरू करने के लिए इसको शुभ मुहूर्त माना जाता है। इसे भगवान विष्णु की कृपा पात्र है, मान्यता है इस अवधि में आने वाले समस्त दोषों को भगवान विष्णु अपने सुदर्शन से काटते रहते हैं।

ये भी पढ़ेंः Makar Sankranti Sun Temple: मकर संक्रांति पर इस मंदिर में पड़ती है पहली किरण, ये हैं प्रमुख सूर्य मंदिर

अमृतकाल मुहूर्तः यह मुहूर्त अमृत जैसा फल (Amritkal Muhurt) देने वाला होता है। वार और नक्षत्र के योग से बनने वाला यह मुहूर्त सभी कार्यों के लिए अच्छा है। लेकिन कुछ दिनों पर खास तिथियों के कारण यह विष योग में परिवर्तित हो जाता है और उसके अच्छे गुण नष्ट हो जाते हैं। जैसे रविवार को पंचमी तिथि पड़ने पर यह विष योग बनाता है।

विजय मुहूर्तः विजय मुहूर्त (Vijay Muhurt) में शुरू किए गए नए कार्य में सफलता की संभावना बढ़ जाती है। मकर संक्रांति पर भी यह मुहूर्त बन रहा है। इस मुहूर्त में शुरू किए जाने वाले कार्य में सफलता की संभावना अधिक रहेगी। इसलिए मकर संक्रांति पर विजय मुहूर्त में नया काम शुरू करना चाहिए।

रविवार का संयोगः संक्रांति का पुण्यकाल रविवार को पड़ रहा है। रविवार सूर्य देव का भी दिन है। संक्रांति में भी सूर्य की ही उपासना करते हैं। इसलिए यह दिन विशेष फलदायी बन गया है। इस दिन सूर्य उत्तरायण हो रहे हैं और खरमास खत्म हो रहा है। इसी दिन से मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाएंगे।