30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Mauni Amavasya 2023: इस साल खास है मौनी अमावस्या, बन रहे दुर्लभ संयोग

मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023) का स्नान 21 जनवरी को है। माघ माह की अमावस्या पूजा-पाठ के लिए महत्वपूर्ण होती है, मगर इस साल दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसके कारण इसका महत्व बढ़ गया है।

2 min read
Google source verification

image

Pravin Pandey

Jan 19, 2023

mauni_amavasya_2023.jpg

mauni amavasya 2023

Mauni Amavasya 2023: मौनी अमावस्या याना माघ महीने की अमावस्या इस साल 21 जनवरी को पड़ रही है। मौनी अमावस्या पर पितर, भगवान विष्णु और सूर्य नारायण को अर्घ्य दिया जाता है। इसलिए मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान और दान पुण्य का विशेष महत्व है, लेकिन सालों बाद बन रहे दुर्लभ संयोग के कारण मौनी अमावस्या 2023 का महत्व बढ़ गया है।

शनि अमावस्या (Shani Amavasya 2023): इस साल मौनी अमावस्या शनिवार को पड़ रही है, यानी मौनी अमावस्या के दिन ही शनि अमावस्या भी है, जिसके कारण इस बार पितर, भगवान सूर्य, विष्णु और शनि देव की पूजा एक ही दिन होगी। इससे इस दिन पूजा का फल भी बढ़ जाएगा। 20 साल बाद ऐसा हो रहा है कि शनि देव (Shani Dev) के कुंभ राशि में रहने पर शनिवार को मौनी अमावस्या पड़ रही है। ऐसा महापर्व 20 साल बाद मनाया जाएगा।

इससे पहले 2003 में शनिवार के दिन पड़ी थी मौनी अमावस्याः ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इससे पहले 2003 में शनिवार के दिन मौनी अमावस्या पड़ी थी और अब इस तरह का संयोग 2027 में पड़ने वाला है। ज्योतिषियों का यह भी कहना है कि इस दिन सवा घंटे मौन रहना 16 गुना अधिक पुण्य फल प्रदान करता है।

मौनी अमावस्या का महत्वः पुरोहितों के अनुसार इस दिन किया गया धार्मिक कार्य कई यज्ञ और जप तप के बराबर पुण्य फल प्रदान करता है। साथ ही प्रयागराज जैसे तीर्थों में माघ मेले के दौरान स्नान और दान पुण्य का फल बढ़ जाता है।

ये भी पढ़ेंः


खप्पर योगः इसी के साथ मकर राशि में सूर्य और शुक्र की युति के साथ त्रिकोण की स्थिति खप्पर योग का निर्माण कर रही है।


मुहूर्तः मौनी अमावस्या इस साल 21 जनवरी को सुबह 6 बजकर 19 मिनट से शुरू हो रही है, जो 22 जनवरी की रात 2.25 बजे तक रहेगी।


ब्रह्म मुहूर्तः सुबह 5.27 बजे से 6.20 तक
अभिजीत मुहूर्तः दोपहर 12.11 से 12.54 बजे
गोधूलि मुहूर्तः शाम 5.48 से शाम 6.15
सर्वार्थ सिद्धि योगः दिनभर