scriptचंद्र, शनि और बृहस्पति ग्रहों के विशेष संयोग ने बढ़ाया मोहिनी एकादशी का महत्व, जानें किस शुभ मुहूर्त में पूजा होगा फलदायी | Mohini Ekadashi 2022 Date Time Shubh Muhurat Puja Vidhi Rules | Patrika News

चंद्र, शनि और बृहस्पति ग्रहों के विशेष संयोग ने बढ़ाया मोहिनी एकादशी का महत्व, जानें किस शुभ मुहूर्त में पूजा होगा फलदायी

locationनई दिल्लीPublished: May 11, 2022 01:23:54 pm

Submitted by:

Tanya Paliwal

Mohini Ekadashi 2022: इस साल 2022 में मोहिनी एकादशी का व्रत 12 मई 2022 को रखा जाएगा। इस बार मोहिनी एकादशी के दिन शनिदेव स्वराशि कुंभ और बृहस्पति देव स्वराशि मीन में मौजूद रहेंगे। ग्रहों का यह संयोग बड़ा फलदायी माना जा रहा है।

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Mohini Ekadashi 2022 Shubh Muhurat, Puja Vidhi: साल भर में पड़ने वाली 24 एकादशियों में मोहिनी एकादशी को बहुत विशेष माना गया है। मोहिनी एकादशी का व्रत हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस वर्ष यह तिथि 12 मई 2022 को गुरुवार के दिन पड़ रही है। वहीं इस साल इस तिथि पर हर्षण योग और फाल्गुनी नक्षत्र के विशेष संयोग ने इसके महत्व को और बढ़ा दिया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ऐसे में शुभ मुहूर्त में पूजा करना विशेष फलादायी माना जा रहा है। तो आइए जानते हैं मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त और संपूर्ण पूजा विधि…

 

मोहिनी एकादशी पर शुभ मुहूर्त:
हिंदू पंचांग के अनुसार, मोहिनी एकादशी 11 मई 2022 को शाम 7 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 12 मई 2022 की शाम 6 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार उदया तिथि 12 मई को होने के कारण मोहिनी एकादशी का व्रत इसी दिन रखा जाएगा। साथ ही बता दें कि मोहिनी एकादशी व्रत का पारण 13 मई 2022 को सुबह 5 बजकर 32 मिनट से 8 बजकर 14 मिनट के बीच किया जाएगा।

इस विधि से करें पूजा:
भगवान विष्णु को समर्पित मोहिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर एवं स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें और व्रत का संकल्प लें। तत्पश्चात घर के पूजा स्थल में भगवान विष्णु की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराकर तस्वीर या प्रतिमा पर पीला चंदन, पीले रंग के फूल, अक्षत, धूप-दीप, नैवेद्य अर्पित करें। फिर भगवान विष्णु को मिठाई का भोग और साथ में तुलसी दल चढ़ाएं। इसके बाद भगवान नारायण के समक्ष घी का दीपक जलाकर विष्णु जी के मंत्रों का जाप और व्रत कथा पढ़ें। फिर विष्णु भगवान की आरती करें। वहीं एकादशी या ग्यारस तिथि के अगले दिन द्वादशी तिथि को जरुरतमदों को दान-दक्षिणा करके व्रत का पारण करें।

व्रत के दौरान रखें ये सावधानियां:
शास्त्रों के अनुसार मोहिनी एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं छोड़नी चाहिए, वरना दोष लगता है। इसलिए आप एक दिन पहले ही तुलसीदल तोड़ कर रख लें। साथ ही एकादशी तिथि को बाल, नाखून करना या दाढ़ी बनवाना भी वर्जित है। इस दिन चावल का सेवन न करें। पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करें। इसके अतिरिक्त एकादशी व्रत में तामसिक पदार्थों को सेवन करने की भी मनाही है।

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