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सुबह-सुबह करें इस मंत्र का जाप, बन जाएंगे सारे काम

सुबह-सुबह जगने के बाद अपने दोनों हथेलियों के दर्शन करना चाहिए।

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हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार, हर व्यक्ति को सूर्योदय से पहले उठना चाहिए और सूर्य नमस्कार करने के पश्चात ही दिन की शुरुआत करना चाहिए। इसके अलावा ये भी कहा गया है कि सुबह-सुबह जगने के बाद अपने दोनों हथेलियों के दर्शन करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से दशा सुधरती है और सौभाग्य की प्राप्त‍ि होती है।


हमारे शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि हाथों में ब्रह्मा, लक्ष्मी और सरस्वती, तीनों का वास होता है। दरअसल, हर इंसान चाहता है कि जब वह सुबह-सुबह आंखें खोले तो एक नए दिन की शुरुआत करे तो उसके मन में आशा और उत्साह का संचार हो, साथ ही दिन शुभ हो।


कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।
करमूले स्थ‍ितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम्।।


इस श्‍लोक का एक अन्‍य श्लोक भी प्रचलित है, जो इस तरह है...

ऊं कराग्रे वसते लक्ष्‍मी: करमध्‍ये सरस्‍वती।
करमूले च गोविंद: प्रभाते कुरुदर्शनम्।।


इस श्लोक का मतलब ये है कि हथेली के सबसे आगे के भाग में देवी लक्ष्मी, बीच के भाग में माता सरस्वती और मूल भाग में ब्रह्मा जी निवास करते हैं। इसलिए सुबह दोनों हथेलियों के दर्शन करना चाहिए, इसके बाद ही अन्य कार्य करना चाहिए।


माना जाता है कि जब व्यक्त‍ि पूरे विश्वास के साथ अपने हाथों को देखता है, माना जाता है कि उसके शुभ कर्मों में देवता भी सहायक होंगे और भाग्य भी साथ देगा। सुबह-सुबह हाथों के दर्शन के पीछे यही मान्यता है।