5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Karwa Chauth 2021 : मनचाहे जीवनसाथी के लिए इस करवा चौथ पर बन रहा है चंद्र और शुक्र का विशेष योग

प्रेम जीवन और साथी का चुनाव करने में ये महत्वपूर्ण भूमिका

3 min read
Google source verification
karwa chouth why its so special

karwa chouth 2021

हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने में करवा चौथ का चंद्रमा आता है। इस चंद्रमा को भगवान शिव और उनके पुत्र भगवान गणेश का रूप कहा जाता है।

दरअसल करवा चौथ का त्योहार भारत के अधिकांश हिस्सों में विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के साथ वैवाहिक सुख के लिए मनाया जाता है।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार वहीं कुछ युवतियां भी मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए यह व्रत रखती हैं। इस दिन मुख्य रूप से चंद्रमा और भगवान कार्तिकेय के साथ भगवान शिव और देवी पार्वती की भी पूजा की जाती है। विवाहित महिलाओं के साथ-साथ अविवाहित लड़कियों द्वारा मनाया जाने वाला गौरी पूजन इस दिन बहुत महत्व रखता है।

कहा जाता है कि करवा चौथ क़े दिन चंद्रमा की पूजा करने का अर्थ है देवताओं की पूजा करना। ज्योतिष में भी चंद्र को मन का कारक मन गया है, ऐसे में चंद्रमा का विचारों पर सीधा नियंत्रण होता है और प्रेम जीवन और साथी का चुनाव करने में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इसी तरह शुक्र प्रेम और रोमांस का ग्रह माना जाता है। यह विवाह को भी दर्शाता है। मान्यता है कि जब शुक्र और चंद्रमा किसी भी रूप में जुड़े होते हैं, तो यह हमें एक प्यारा और आकर्षक जीवन साथी का आशीर्वाद देता है।

Must Read- Mars Effects- मंगल के राशि परिवर्तन के साथ देश का ये रूप देख चौंक जाएंगे सभी

इस बार करवा चौथ क्यों है खास
ऐसे में इस वर्ष यानि 2021 में करवा चौथ रविवार, 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन चंद्रमा की स्थिति अत्यधिक शुभ है क्योंकि यह वृषभ राशि (शुक्र के स्वामित्व की राशि ) में अपनी उच्च राशि में स्थित है। इस दिन एक-दूसरे पर परस्पर दृष्टि के कारण चंद्रमा और शुक्र का संबंध मजबूत होगा, जो प्रेम और सौंदर्य के लिए अत्यधिक अनुकूल योग है।

Must Read- Karwa Chauth Moon Rise 2021 - आपके शहर में करवा का चांद कितने बजे दिखेगा

IMAGE CREDIT: Health Tips

करवा चौथ के दिन चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में रहेगा। वहीं शाम को चंद्रोदय के समय चंद्रमा शुक्र के उपनक्षत्र में होगा। रोहिणी नक्षत्र प्रजनन क्षमता और विचारों को ले जाने की क्षमता को दर्शाता है। मान्यता है कि ब्रह्मा जी रोहिणी को एक रचनात्मक प्रकृति प्रदान करते हैं। जिसके कारण रोहिणी नक्षत्र के प्रभाव में आने वाले लोगों में खास परिवर्तन होता है और वे अपने आकर्षण का उपयोग दूसरों का ध्यान आकर्षित करने के लिए करते हैं।

Must read- karwa chauth 2021 : करवा चौथ पर ये काम हैं वर्जित

इस तारे की प्रकृति हमारे विचारों और रचनात्मकता को व्यक्त करके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करती है। चंद्रमा और शुक्र का ग्रह प्रभाव इस नक्षत्र को ग्रहणशीलता और पोषण के स्त्री गुण प्रदान करता है।

ऐसे में मन जा रहा है कि इस साल 2021 में करवा चौथ मनाने से उन लोगों के जीवन में प्यार और खुशी आएगी जो पहले से ही एक रोमांटिक रिश्ते में हैं, जो शादीशुदा हैं और साथ ही साथ अपने प्रेमी जीवन में समस्याओं का सामना कर रहे हैं।