
Garun Puran Secrets : PEOPLE WHO CAME BACK FROM HEAVEN
पितृपक्ष 2020 समाप्त हो चुका है, इस दौरान लोगों द्वारा अपने पितरों को याद करने के साथ ही श्राद्ध कर्म किया गया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी पर जो अच्छे कर्म करता है, उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इन्हीं मान्यताओं को ध्यान में रखकर कहा जाता है कि हमेशा मानव कल्याण के लिए कार्य करने चाहिए, जिससे ईश्वर की प्राप्ति हो सके और व्यक्ति जन्म-मरण के चक्कर से मुक्त हो जाएं। ऐसे में इन पूरे श्राद्धों में व्यस्थता के बाद एक बार फिर लोगों के जहन में अपने पुरखों की यादें ताजा हो जाती हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ लोग स्वर्ग का सुख भोगकर फिर वापस पृथ्वी पर जन्म लेते हैं, जिससे वह अपने कार्यों को पूरा कर सकें। गरुड़ पुराण के अनुसार स्वर्ग का सुख भोगकर जो व्यक्ति पृथ्वी पर वापस आता है, उसमें कुछ खास गुण पाए जाते हैं। साथ ही वह हमेशा मानव कल्याण के लिए कार्य करते हैं और ईश्वर के प्रति श्रद्धा भाव रखते हैं। ऐसे में आज हम आपको स्वर्ग का सुख भोगकर वापस पृथ्वी लोक में आए व्यक्ति की विशेषताओं के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि इनमें कुछ विशेष गुण होते हैं, और उन्हीं के आधार पर पता चलता है कि यह व्यक्ति स्वर्ग का सुख भोगकर वापस पृथ्वी लोक पर आया है…
स्वर्ग का सुख भोगकर वापस पृथ्वी लोक पर आए व्यक्ति में ये होती है खासियत...
: गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति स्वर्ग से लौटकर आता है, उसमें दयाभाव रहता है। वह गरीबों और असहाय जीवों की स्वार्थ रहित सेवा करता है। जो व्यक्ति प्रेम भाव के साथ सेवा भाव करता है, वहां परमात्मा का वास होता है। चाहें वह मनुष्य हो या फिर पशु पक्षी निस्वार्थ भाव से समाज सेवा करने को ही मानवता माना जाता है। जानकारों का ये भी कहना है कि भगवान ने जब-जब धरती अवतार लिया है, उन्होंने भी मानव कल्याण के लिए ही कार्य किए।
: स्वर्ग से आने वाले व्यक्ति में ईश्वर के प्रति श्रद्धा व समर्पण का भाव रहता है, इसका कारण यह है कि मानव शरीर ही मुक्ति का द्वार है इसलिए ईश्वर के प्रति सच्ची श्रद्धा रखनी चाहिए। वह व्यक्ति ईश्वर के बताए हुए मार्ग पर चलता है और धर्म की स्थापना करता है। सच्चे व निष्कपट भाव से ईश्वर की खोज करना ही भक्तियोग है।
: स्वर्ग भोगकर जो व्यक्ति धरती पर जन्म लेता है, वह हमेशा दान करता रहता है। क्योंकि दान से बढ़कर कोई दूसरा बड़ा धर्म नहीं है। जब आप दूसरों को दान करते हैं तो बदले में आपको मानसिक शांति मिलती है। वह सबसे बड़ी शांति होती है। दान केवल रूपए-पैसों से नहीं किया जाता। दूसरों की मदद करना, उसकी सेवा करना यह भी दान माना जाता है।
: मधुर वाणी वाला व्यक्ति पृथ्वी लोक पर स्वर्ग की आत्मा माना जाता है। वह व्यक्ति हर किसी से मधुर संबंध बनाकर रखता है और अच्छी वाणी का प्रयोग करता है। मीठा बोलने वाला व्यक्ति पूरे समाज में सम्माननीय होता है और उसे समाज का सच्चा सुख प्राप्त होता है। जानकारों के अनुसार वाणी से ही मनुष्य के स्वभाव का अंदाजा हो जाता है और यही धर्म का संदेश है।
: स्वर्ग से आए व्यक्ति के दांत सुंदर होते हैं और वह व्यक्ति मिलनसार भी होता है। समाज में वह व्यक्ति अपना स्थान बनाता है। क्योंकि ऐसे व्यक्ति की आत्मा पवित्र होती है, जिसका प्रताप उसके दांतों पर पड़ता है। वह व्यक्ति हमेशा दूसरों को प्रोत्साहित करता है और धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
इसके अलावा गरुड़ पुराण के अनुसार, स्वर्ग से आए व्यक्ति का शरीर स्वस्थ और निरोग रहता है। ऐसे व्यक्ति पर हमेशा ईश्वर की कृपा बनी रहती है और यह सदैव समाज के कल्याण का कार्य करता है। ऐसा व्यक्ति अपने शरीर द्वारा पुण्य प्रताप के बल पर कीर्तिमान होता है। ऐसे व्यक्ति को निराशा और चिंता की परिस्थिति विचलित नहीं करती। जानकार भी मानते हैं कि अगर निर्धन व्यक्ति पूर्ण स्वस्थ है तो वह असली धनवान है क्योंकि स्वास्थ्य ही सर्वस्व है।
Published on:
20 Sept 2020 08:20 am
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