scriptRavi Pushya Nakshatra 2021: सावन में इन दो दिनों तक पड़ रहा है पुष्य नक्षत्र | Ravi Pushya Nakshatra in sawan 2021 | Patrika News

Ravi Pushya Nakshatra 2021: सावन में इन दो दिनों तक पड़ रहा है पुष्य नक्षत्र

locationभोपालPublished: Aug 05, 2021 02:55:44 pm

Pushya Nakshatra: इस बार 07 अगस्त से 8 अगस्त तक रहेगा पुष्य नक्षत्र

ravi Pushya Nakshatra

phusya nakshatra in sawan 2021

Ravi Pushya Yog: सभी 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को विशेष शुभ माना गया है। वहीं जब कभी रविवार को ये नक्षत्र पड़ता है तो ये रवि पुष्य नक्षत्र कहलाते हुए खास योग का निर्माण करता है। ऐसे में इस बार ये रवि पुष्य नाम का महायोग 8 अगस्त को भी बन रहा है।

इस सावन 2021 में हिंदू पंचांग के अनुसार पुष्य नक्षत्र 07 अगस्त से 08 अगस्त तक रहेगा।

07 अगस्त, शनिवार को सावन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पुष्य नक्षत्र सुबह 08:17 से उदय होंगे और जो रविवार 08 अगस्त, को ही सावन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि तक सुबह 09:19 तक रहेंगे।

Must Read- Hindu calendar- हर माह आते हैं ये पर्व

hindu panchang 2021

पंडित एके शुक्ला के अनुसार रवि पुष्य योग को हिंदू कैलेंडर में एक शुभ मुहूर्त माना जाता है। मान्यता के अनुसार इस शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य में सफलता मिलती है। रविवार, 08 अगस्त का रवि पुष्य योग भी इस प्रकार का शुभ योग है।

ऐसे समझें: रवि पुष्य योग का महत्व
शास्त्रों के अनुसार किसी नए कार्य को करने के लिए रवि पुष्य योग को अत्यंत शुभ मना गया है। इस दिन घर पर नई वस्तुओं को खरीदकर लाना भी अच्छा माना गया है। इसके अलावा इस दिन भूमि भवन के अलावा दुकान, वाहन और आभूषण आदि को खरीदना शुभ माना जाता है।

पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। इस नक्षत्र के नाम से इसका अर्थ पोषण करना या पोषण करने वाला है।

Must Read- अगस्त 2021 के व्रत, त्योहार व पर्व

august 2021 festivals

वैदिक ज्योतिष में गाय के थन को पुष्य नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना गया है। इसे ‘अमरेज्य’ भी कहते हैं। अमरेज्य यानि देवताओं का पूज्य। पुष्य नक्षत्र के देवता देवगुरु बृहस्पति माने जाते हैं। वहीं इसके अधिपति ग्रह शनि हैं।

ऐसे में पुष्य नक्षत्र को लेकर ये भी माना जाता है कि दोनों ग्रहों के प्रभाव के चलते जहां शनि के चलते ये स्थायित्व देता है वहीं बृहस्पति के कारण बुद्धिमत्ता व शुभत प्रदान करता है। वहीं दोनों ग्रहों के प्रभाव से पुष्य नक्षत्र किसी भी कार्य को शुभ व चिर स्थायी बना देता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो