
वर्ष 2023 में रोहिणी व्रत
भोपाल. रोहिणी व्रत जैन समुदाय का प्रमुख उपवास है। हालांकि हिंदू समुदाय के लोग भी इस व्रत को रखते हैं। यह हर महीने तब रखा जाता है जब सूर्योदय के बाद रोहिणी नक्षत्र जब प्रबल होता है। यह व्रत मुख्य रूप से महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। वर्ष 2023 में 14 दिन रोहिणी व्रत पड़ेगा। इसी के साथ यह भी मान्यता है कि यह व्रत कर्म विकार को दूर कर कर्म बंधन से छुटकारा दिलाता है।
रोहिणी व्रत 2023 लिस्टः यह व्रत वर्ष 2023 में 14 दिन पड़ेगा। जनवरी और अक्टूबर में दो-दो दिन पड़ेगा। रोहिणी व्रत 2023 में इस साल 4 जनवरी 2023 और 31 जनवरी 2023 को पड़ेगा। इसके बाद फरवरी में 27 फरवरी 2023 में रोहिणी व्रत पूजा होगी। इसके अलावा 27 मार्च, 23 अप्रैल, 21 मई, 17 जून, 14 जुलाई, 10 अगस्त, सात सितंबर, 4 अक्टूबर, 31 अक्टूबर, 28 नवंबर, 25 दिसंबर 2023 को पड़ेगा।
रोहिणी व्रत का महत्वः यह व्रत महिलाएं पति की लंबी उम्र और परिवार की सुख शांति के लिए रखती हैं। मान्यता है कि यह उपवास विशेष फलदायी है, और उपवास से व्यक्ति को सभी दुखों से छुटकारा मिलता है। जैन समुदाय रोहिणी व्रत माता रोहिणी और भगवान वासुपूज्य का आशीर्वाद पाने के लिए रखता है।
यह व्रत जैन समुदाय उत्सव के रूप में मनाता है, कई पुरुष भी इस व्रत को रखते हैं। जैन समुदाय इस दिन भगवान वासुपूज्य की पूजा करता है। इसके लिए सुबह स्नान ध्यान के बाद भगवान वासुपूज्य की पांच रत्न, ताम्र या स्वर्ण प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है। इस दिन गरीबों को दान देने का विशेष महत्व माना जाता है।
उद्यापन का यह है नियमः रोहिणी व्रत को नियमित तीन, पांच या सात साल तक करने के बाद ही इसका उद्यापन किया जाता है। जैन परिवार की महिलाओं के लिए इस व्रत का पालन समाज में अति आवश्यक माना जाता है।
Updated on:
16 Dec 2022 06:24 pm
Published on:
16 Dec 2022 06:22 pm
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