
janmastami and mor pankh
Shree Krishna Janmashtami 2021 Mor Pankh Upay: श्रीकृष्ण को हमेशा ही अपने सिर के बालों में मोर पंख के साथ देखा जाता है। ऐसे में इसके कारण को लेकर लोगों में जिज्ञासा बनी रहती है, कि आखिर मोरपंख का श्रीकृष्ण के सिर पर होना क्या दर्शाता है। ऐसे में अगस्त 30 को आने वाली श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को देखते हुए मोर पंख का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है।
एक मान्यता तो यह है कि भगवान कृष्ण की कुंडली में कालसर्प दोष था। ऐसे में इस दोष से मुक्ति पाने के लिए कान्हा जी हमेशा अपने मुकुट में मोर पंख लगाकर रखते थे।
वहीं दूसरी मान्यता ये भी है कि श्री कृष्ण जब नंदगांव में रहते तो दूसरे गवालों के साथ वे भी जंगल में गाय चराने जाते थे।
इस समय मोर उनके चारों ओर अपने पंख फैलाकर नाचते थे, तभी से श्रीकृष्ण जी को गाय के साथ ही मोरों के पंखों से लगाव हो गया और उन्होंने इन दोनों को हमेशा के लिए आत्मसात कर लिया।
जानकारों के अनुसार दरअसल, मोरपंख को सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है, और इसका शरीर व स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। वहीं घर में मोर पंख रखना प्राचीनकाल से ही बहुत शुभ माना जाता है। वास्तु के अनुसार भी मोर पंख घर से अनेक प्रकार के वास्तुदोष दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा को अपनी तरफ खींचता है इसलिए तो मोरपंख को वास्तु में बहुत उपयोगी माना गया है।
मोर पंख भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय होने के कारण इनका श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष महत्व माना गया है। श्री कृष्ण के प्रिय होने के कारण ही मोर पंख से जुड़े उपायों को अधिकांश लोग जन्माष्टमी से ही शुरु करना पसंद करते हैं। वहीं जानकारों का भी मानना है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मोर पंखों से किए जाने वाले उपाय खास लाभ प्रदान करते हैं।
ऐसे में आज हम आपको मोर पंख से जुड़े कुछ ऐसे उपायों के संबंध में बता रहे हैं, जिनके संबंध में माना जाता है कि इन्हें श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन अपनाने से कई तरह की समस्याओं का निवारण होता है।
जन्माष्टमी के पर्व पर मोर पंख के कुछ उपाय-
1. वैवाहिक जीवन में आए दिन किसी न किसी बात को लेकर मन-मुटाव होने की स्थिति में पति-पत्नी के बीच झगड़े होना आज के दौर में आम सी बात हो गई है, ऐसे में माना जाता है कि यदि जन्माष्टमी के दिन आप अपने बेडरूम में पूर्व या उत्तर दिशा में दो मोरपंखों को एक साथ दीवार पर लगा देंगे तो दांपत्य जीवन से जुड़ी समस्याओं का अंत होने के साथ ही रिश्तों में मिठास आ जाएगी।
2. कुंडली में कालसर्प दोष सहित राहु-केतू कई प्रकार के दुष्प्रभावों को उत्पन्न करते हैं। जिसके कारण जातक को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में माना जाता है कि यदि जातक अपनी कुंडली से इस दुष्प्रभाव को खत्म करना चाहते हैं तो जन्माष्टमी के दिन मोर पंख को शयनकक्ष की पश्चिम दिशा की दीवार पर लगाना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से काफी लाभ मिलने के साथ ही घर की नकारात्मकता भी दूर होगी।
3. वहीं कई जानकारों का तो यहां तक मानना है कि यदि आपको धन की समस्या है। तो इसके लिए भी मोर पंख का उपाय आपकी आर्थिक तंगी को दूर करने में सहायक होता है।
इसके तहत जन्माष्टमी के दिन पूजा के समय 5 मोर पंख श्रीकृष्ण जी की प्रतिमा के पास रखें और कान्हा के साथ इनका भी पूजन करें। इसके बाद 21 दिनों तक इन्हें पूजा के स्थान पर ही रहनें दें और पूजा करते रहें।
पूजा के 21 दिन होने पर इन्हें घर के उस स्थान पर स्थान दें जहां धन रखा जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में बरकत होने के साथ ही आर्थिक समस्या का भी निदान हो जाता है।
इसके अलावा माना जाता है कि मोर पंख को अपने पास व घर में रखने से कई अन्य रूकावटों के दूर होने की भी मान्यता है।
वास्तुशस्त्र के अनुसार यदि आपके कार्यों में लगातार रूकावट आती है, और कोई भी काम समय पर पूरा नहीं होता तो सामान्य दिनों में अपने घर के पूजास्थल में पांच मोरपंख रखें और प्रतिदिन इनकी पूजा करें। 21वें दिन इन मोरपंख को अलमारी में रख लें, माना जाता है कि ऐसा करने से अटके काम भी बनने लगेंगे।
विषैले जीव-जंतु नहीं आते
मोर पंख को बहुत ही चमत्कारिक माना जाता है, माना जाता है कि मोर पंख के घर में होने से प्रायः विषैले जीव-जंतु नहीं आते। मोरपंख को ऐसी जगह रखना चाहिए जहां से सभी की नजर उस पर पड़ सके।
किताब में रखने से लाभ
यह भी माना जाता है कि जिन लोगों के बच्चे जिद्दी स्वभाव के होते हैं, ऐसे बच्चों की जिद को कम करने के लिए मोरपंख से बने पंखे से 11 बार या 21 बार हवा करनी चाहिए।
वहीं जिन बच्चों का मन पढ़ाई में न लगता हो उनकी पड़ने की मेज पर सात मोरपंख रखने से लाभ होगा। इसके अलावा शुभ परिणामों के लिए किताब या डायरी में एक मोरपंख अवश्य रखना चाहिए।
वास्तुदोष दूर करने के लिए
वास्तु शास्त्र के जानकारों के अनुसार यदि आपके घर का प्रवेश द्वार शुभ कोण या दिशा जैसे पूर्व, उत्तर या ईशान दिशा में नहीं है या मुख्य द्वार पर किसी और प्रकार का वास्तुदोष है तो प्रवेश द्वार की चौखट के ऊपर बैठी हुई मुद्रा में गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर उनके ऊपर तीन मोरपंख लगाने चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से द्वार का वास्तुदोष दूर होने के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होगा।
Updated on:
30 Aug 2021 08:05 am
Published on:
29 Aug 2021 01:44 pm
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