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Dhanteras 2021: इस धनतेरस इन बातों का रखें खास ध्यान, साथ ही जानें इस बार बन रहे हैं कौन से खास योग?

- धनतेरस पर झाड़ू को खरीदने की परंपरा और क्यों इस धनतेरस रहें इससे दूर?

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Dhanteras 2021 Special Yog timing

Special Yog timing of dhanteras 2021

Dhanteras 2021 : हिंदू कैलेंडर में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है। ऐसे में इस बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि मंगलवार,02 नवंबर को होने के चलते धनतेरस का त्यौहार इसी दिन मनाया जाएगा।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार धनतेरस पर भगवान धनवंतरि के अलावा मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की भी पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं इसी दिन से दीपों के पांच दिवसीय पर्व दीपावली की शुरुआत होती है। यह त्योहार प्रमुख तौर पर भगवान धनवंतरि को समर्पित होता है।

वहीं धनतेरस का दिन खरीदारी के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसे में इस दिन सोना, चांदी और पीतल के बर्तन खरीदने के साथ ही इस दिन झाड़ू खरीदने की भी परंपरा है।

IMAGE CREDIT: patrika

इस साल धनतेरस पर झाड़ू खरीदना क्या उचित रहेगा?
धनतेरस पर खरीदी गई झाड़ू से दिवाली के दिन मंदिर में साफ-सफाई करना भी शुभ माना गया है। वहीं इस बात का भी ध्यान रखें कि धनतेरस पर रविवार और मंगलवार को झाड़ू नहीं खरीदना चाहिए, माना जाता है कि ऐसा करने से घर में कलह बढ़ती है।

ऐसे में इस बार धनतेरस मंगलवार, 2 नवंबर 2021 को ही पड़ रही है। जिसके चलते कई जानकार इस बार झाड़ू से दूरी बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं।

धनतेरस के दिन इन चीजों से भी रहें दूर:
1. धनतेरस रविवार और मंगलवार को होने पर झाड़ू नहीं खरीदना चाहिए, माना जाता है कि ऐसा करने से घर में कलह बढ़ती है।

2.धनतेरस पर लोहे के सामान खरीदना वर्जित माना जाता है, क्योंकि इसका संबंध शनि ग्रह से माना जाता है।

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3. वहीं धनतेरस पर धारदार वस्तुओं को खरीदना भी अच्छा नहीं माना गया है।

4. माना जाता है कि धनतेरस पर आपको स्टील के बर्तनों को खरीदने से भी बचना चाहिए। इसका कारण यह है कि स्टील को राहु ग्रह का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में यदि आपको लोहे या स्टील के बर्तन लेने ही हैं, तो उन्हें धनतेरस से पहले खरीद लें।

5. कांच या चीनी मिट्टी से बने सामान खरीदना भी धनतेरस के दिन शुभ नहीं माना गया है। इसे लेकर मान्यता है कि इससे परिवार की शुभता प्रभावित हो सकती है। वहीं कांच को भी राहु से संबंधित माना गया है।

6. प्लास्टिक से बनी वस्तुओं को भी धनतेरस पर खरीदना वर्जित माना गया है। माना जाता है कि इनसे परिवार की बरकत पर बुरा असर पड़ सकता है।

7. धनतेरस पर काले रंग की वस्तुओं को खरीदने से बचना चाहिए। इसका कारण यह है कि इसे नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है।

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धनतेरस 2021: जानें कब कौन सा योग हो रहा है निर्मित
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इस बार द्वादशी तिथि सोमवार, 01 नवंबर से शुरु होकर मंगलवार,02 नवंबर की सुबह 11:30:16 बजे तक रहेगी।
- प्रदोष काल: धनतेरस के दिन यानि मंगलवार, 2 नवंबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक।
-त्रिपुष्कर योग (खरीदारी के लिए) : 2 नवंबर को सूर्योदय से लेकर सुबह करीब 11:30 बजे तक।
-लाभ अमृत योग (खरीदारी के लिए) : सुबह 10:30 बजे से दोपहर 01:31 मिनट तक।
-वृषभ काल : शाम 06 बजकर 18 मिनट से रात 08 बजकर 14 मिनट तक।
-धनतेरस 2021 पर पूजन का शुभ मुहूर्त : शाम 06 बजकर 18 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।

धनतेरस और झाड़ू
धनतेरस पर झाड़ू को खरीदने की परंपरा को लेकर पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि इस दिन झाड़ू खरीदने की बात सुनकर कई बार लोग चौंक जाते हैं, जबकि इस परंपरा के कुछ खास कारण हैं, जो इस प्रकार हैं।

दरअसल मत्स्य पुराण में झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में माना जाता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है, वहीं ये भी कहा जाता है कि वे लोग जो आर्थिक तंगी से परेशान हैं उन्हें धनतेरस के दिन झाड़ू अवश्य खरीदनी चाहिए। पंडित शर्मा के अनुसार लेकिन मंगलवार व रविवार को इसे नहीं खरीदना चाहिए।

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धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की है प्राचीन परंपरा
पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। धनतेरस के दिन पीपल और चांदी की धातु खरीदने की प्राचीन परंपरा रही है।

इसके अलावा धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने की प्राचीन परंपरा है। पुराणों में कहा गया है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।

बताया जाता है कि पुराणों में धनतेरस के दिन एक नहीं बल्कि तीन झाड़ू खरीदने की बात कही गई है। इसके अलावा धनतेरस पर खरीदी गई झाड़ू से दिवाली के दिन मंदिर में साफ-सफाई करना भी शुभ माना गया है।

धनतेरस कार्तिक माह की कृष्‍ण पक्ष की तेरस तिथि को मनाया जाता है। वहीं धनतेरस के दिन झाड़ू सामान्यत: शाम को खरीदना उचित माना जाता है, लेकिन यदि इसकी खरीदारी भी शुभ मुहूर्त के अनुसार की जाए तो ये और शुभ है।

माना जाता है कि धनतेरस पर घर में नई झाड़ू से झाड़ लगाने से कर्ज से भी मुक्ति मिलती है। कई जानकारों के अनुसार इसी कारण इस दिन झाड़ू खरीदने की पुरानी परंपरा है। वहीं शास्त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से लक्ष्मी माता रुठकर घर से बाहर नहीं जाती हैं और वह घर में स्थिर रहती है। इस दिन लोग झाड़ू खरीदकर अपने घरों में रखते हैं और लक्ष्मी माता का स्वागत करने के लिए पूरी रात जगते हैं।

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ऐसे समझें झाड़ू क्यों मानी जाती है विशेष
: माना जाता है कि नकारात्मक शक्तियां झाड़ू से दूर होती हैं, जिसके चलते घर में सकारात्मकता का आगमन होता है। वहीं झाड़ू को घर में सुख समृद्धि का कारक भी माना जाता है, इसलिए भी धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है।

: मान्यता है कि मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहे इसके लिए धनतेरस के दिन घर में नई झाड़ू लाने के बाद इस पर एक सफेद रंग का धागा बांध देना चाहिए। साथ ही ऐसा करने से घर की आर्थिक स्थिति में स्थिरता आती है।

: यह भी कहा जाता है धनतेरस के दिन खरीद कर लाए झाड़ू को फर्श पर लिटाकर रखना चाहिए। इसका कारण यह है कि झाड़ू को खड़ा रखना अपशकुन माना जाता है। इसके साथ ही झाड़ू को हमेशा घर के कोने में छिपाकर रखे जाने की भी मान्यता है।

: इसके अलावा यह भी माना जाता है कि झाड़ू पर पैर रखने से माता लक्ष्‍मी नाराज यानि रुष्‍ट हो जाती हैं। वहीं झाड़ू का आदर करने पर महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

: वहीं मंदिर में दिवाली के दिन झाड़ू दान करने की भी परंपरा है। कहा जाता है कि इस दिन झाड़ू दान करने से घर में लक्ष्मी जी का आगमन होता हैं, यहां इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि दिवाली के दिन दान की जाने वाली झाड़ू धनतेरस के दिन ही खरीद लें।

: घर में झाड़ू को कभी भी उल्टा नहीं रखना चाहिए, माना जाता है कि ऐसा करने से घर में कलह बढ़ती है। इसके साथ ही झाड़ू को कभी भी घर से बाहर या फिर छत पर नहीं रखना चाहिए। इसका कारण ये माना जाता है कि ऐसा करने से घर में चोरी होने का भय उत्पन्न होता है।