
खरमास में आसान सूर्य मंत्र का पाठ विपत्ति से दिलाएगा छुटकारा
खरमास में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, माता तुलसी और सूर्य नारायण की पूजा की जाती है। वैसे तो साक्षात देव सूर्य की पूजा का दिन रविवार माना जाता है पर धर्म ग्रंथों में रोजाना उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने का विधान बताया गया है। मान्यता है कि प्रतिदिन या कम से कम रविवार को सूर्य मंत्रों के साथ सूर्य नारायण को तांबे के लोटे में चावल, सिंदूर, मिश्री लाल फूल डालकर अर्घ्य देने से हर विपत्ति से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख समृद्धि वैभव की प्राप्ति होती है। लेकिन खरमास में इसका महत्व बढ़ जाता है। मान्यता है कि इससे सूर्य की विशेष कृपा मिलती है।
सूर्योपनिषद में सूर्य को संपूर्ण जगत की उत्पत्ति का एक मात्र कारण बताया गया है। इसके अनुसार रविवार को यदि सूर्यदेव की उपासना की जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। रविवार के दिन सूर्य मंत्रों का जाप पूजन सूर्य नारायण का विशेष आशीर्वाद दिलाता है। आइये जानते हैं कुछ आसान सूर्य मंत्र, जिसे खरमास में रोज या कम से कम हर रविवार को जपना चाहिए।
1. ऊं मित्राय नमः
2. ऊं रवये नमः
3. ॐ सूर्याय नम:
4. ऊं भानवे नमः
5. ऊं खगाय नमः
6. ऊं पूष्णे नमः
7. ऊं हिरण्यगर्भाय नमः
8. ऊं मरीचये नमः
9. ऊं आदित्याय नमः
10. ऊं सविते नमः
11. ऊं अर्काय नमः
12. ऊं भास्कराय नमः
13. ऊं श्रीसवितसूर्यनारायणाय नमः
14. ॐ घृणि सूर्याय नम:
15. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
16. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
17. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
(नोट-इस आलेख में दी गई जानकारियों पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं, www.patrika.com इसका दावा नहीं करता। इसको अपनाने से पहले और विस्तृत जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।)
Updated on:
16 Mar 2024 11:42 am
Published on:
15 Mar 2024 06:16 pm
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