
Vastu: क्यों उत्तर या पूर्व दिशा में ही होना चाहिए घर में पानी का बहाव?
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर का हर एक होना महत्वपूर्ण माना गया है और उसमें मौजूद हर चीज का अपना एक प्रभाव होता है। इस कारण सुख सौभाग्य तथा समृद्धि बनाए रखने के लिए घर का निर्माण, मरम्मत या कोई भी बदलाव करते समय वास्तु के नियमों का पालन करना चाहिए। अन्यथा नकारात्मक ऊर्जा का वास होने से घर के लोगों की आर्थिक स्थिति और सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
इसी प्रकार पीने से लेकर घरों में अन्य कई कामों के लिए इस्तेमाल होने वाला पानी भी बहुत महत्वपूर्ण तत्व है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के अंदर रसोई, बाथरूम या छत पर कहीं भी पानी का बहाव सही दिशा में होना चाहिए। वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में पानी का बहाव या ढलान उत्तर, पूर्व या ईशान दिशा में होनी चाहिए। इसका अर्थ यह है कि घर में उत्तर-पूर्व दिशा का स्तर नीचे की तरफ हो तो वास्तु के अनुसार इसे शुभ माना जाता है। इससे घर में हमेशा निरंतरता और बरकत बनी रहती है। यानी की छत पर अगर बारिश पड़े तो उसके पानी की ढलान उत्तर-पूर्व और ईशान दिशा में होना है सबसे अच्छा माना गया है।
इन दिशाओं में न हो पानी का बहाव
वास्तु के जानकारों के मुताबिक घर में कहीं भी पानी की ढलान पश्चिम दिशा में नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे घर के बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक पानी का बहाव या नालियों की ढलान घर में पश्चिम, दक्षिण दिशाओं के साथ आग्नेय या नैऋत्य कोण में हो तो इससे घर में सुख-समृद्धि का भाव पैदा होता है। वहीं पानी का इस दिशा में होने से गृह क्लेश और धन खर्च बना रहता है।
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Updated on:
03 Aug 2022 10:16 am
Published on:
03 Aug 2022 10:15 am
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