
vinayak chaturthi 2020 : 18 December 2020
सनातन हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य श्री गणेश जी प्रमुख दिनों में चतुर्थी तिथि को विशेष माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इन तिथियों पर भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से सारे संकट टल जाते हैं और घर में सुख-समृद्धि होने के साथ यश की प्राप्ति होती है।
दरअसल हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में दो चतुर्थी तिथि होती हैं। इस तिथि को भगवान गणेश की तिथि माना जाता है। इसमें अमावस्या के बाद आने वाली शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि विनायक चतुर्थी और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्णपक्ष की तिथि संकष्टी चतुर्थी कहलाती है।
ऐसे में इस बार मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 18 दिसंबर को है। गणेश जी का नाम विनायक होने के कारण इसे विनायकी चतुर्थी व्रत भी कहा जाता है। वहीं कई भक्त विनायकी चतुर्थी व्रत को वरद विनायक चतुर्थी के रूप में भी मनाते हैं।
विनायक चतुर्थी का महत्व
विनायक चतुर्थी पर श्री गणेश की पूजा दिन में दो बार की जाती है। एक बार दोपहर में और एक बार मध्याह्न में। मान्यता है कि विनायकी चतुर्थी के दिन व्रत करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं। सभी मनुष्यों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और समस्त सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं।
विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें पूजा...
: ब्रह्म मूहर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें।
: इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
: दोपहर पूजन के समय अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें।
: संकल्प के बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें।
: इसके बरद श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं।
: ‘ॐ गं गणपतयै नम:’ का जाप करें।
: प्रतिमा पर 21 दूर्वा दल चढ़ाएं। दूर्वा एक प्रकार की घास का नाम है, जो श्री गणेश को अत्ति प्रिय है।
: श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं।
: पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें।
: ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें।
: शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का स्तवन करें।
: संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करके श्री गणेश की आरती करें।
: शाम के समय भोजन ग्रहण करें।
Published on:
16 Dec 2020 08:59 am
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