1. कान के मध्य में तिल होना
सामुद्रिक शास्त्र के मुताबिक जिन लोगों के कान के बीच वाले भाग में तिल होता है, उन लोगों के बारे में कहा जाता है कि ये बड़े ईमानदार और उसूलों के पक्के होते हैं। साथ ही इन लोगों से आदर्शों पर चलने की प्रेरणा मिलती है। वहीं इन्हें किसी के दबाव में काम करना बिल्कुल पसंद नहीं होता।
2. काम के उपरी भाग पर तिल होना
कान के ऊपरी भाग पर तिल होने का अर्थ है कि ऐसे लोग बड़े गरम मिजाज के होते हैं। ऐसे लोग हर छोटी बात पर भी आसानी से नाराज हो जाते हैं। इनके नखरे भी खूब होते हैं। वहीं सामुद्रिक शास्त्र के मुताबिक कान के ऊपरी भाग पर तिल वाले लोग बहुत समझदार होते हैं।
3. कान के पिछले हिस्से पर तिल होना
समुद्र शास्त्र के जानकारों के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति के कान के पिछले हिस्से पर तिल मौजूद होता है तो ऐसे लोगों को समाज में खूब मान मिलता है। इनकी कल्पनाशक्ति भी काफी अच्छी होती है। इन लोगों की खास बात यह होती है कि इनकी दृढ़ इच्छाशक्ति इन्हें खूब आगे लेकर जाती है। साथ ही ऐसे व्यक्ति बहुत खुद्दार होते हैं।
4. कान के नीचे वाले भाग पर तिल होना
कान पर तिल की यह स्थिति व्यक्ति के भावुक स्वभाव को दर्शाती है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के कान के निचले हिस्से पर तिल होता है वे लोग किसी भी बात को बड़ी जल्दी मन से लगा लेते हैं। इनके इसी अत्यधिक भावुक स्वभाव के होने के कारण इन्हें आसानी से प्रेम संबंधों में धोखा मिल सकता है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)