योग:
शूल नामक योग अंतरात्रि सूर्योदय पूर्व प्रात: 5.34 तक, इसके बाद गंड नामक योग है। दोनों ही नैसर्गिक अशुभ योग है। शूल नामक योग की प्रथम 5 घटी व गंड नामक योग की प्रथम 6 घटी शुभ कार्यों में त्याज्य बताई गई हैं।
शुभ मुहूर्त:
उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज किसी शुभ व मंगल कृत्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं है।
राहुकाल:
दोपहर बाद 1.30 से अपराह्न 3.00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (ति,तू,ते,तो) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। रात्रि 12.49 तक जन्मे जातकों की जन्म राशि तुला व इसके बाद जन्मे जातकों की जन्म राशि वृश्चिक है। इनका जन्म ताम्रपाद से है। सामान्यत: ये जातक धनवान, धर्मपरायण, प्रतिभावान, जनप्रिय, शुद्ध विचार वाले, सुन्दर, भाग्यशाली, अनायास धन सम्पदा प्राप्त करने वाले पर कामासक्त व थोड़े स्वार्थी भी होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 21, 28 या 34 वें वर्ष में होता है। तुला राशि वाले जातकों को शिक्षा क्षेत्र में अच्छी मनोनुसार सफलता मिलेगी। विवाह योग्य जातकों के वैवाहिक प्रसंग बनेंगे।