
yashoda jayanti 2023
यशोदा जयंतीः पंचांग के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष षष्ठी की शुरुआत 11 फरवरी को सुबह 9.05 बजे से हो रही है, यह तिथि 12 फऱवरी को सुबह 9.47 बजे संपन्न हो रही है। लेकिन उदया तिथि के अनुसार यशोदा जयंती 12 फरवरी को मनाई जाएगी।
यशोदा जयंती का महत्वः मान्यता के अनुसार इस दिन माता यशोदा-भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा और व्रत से संतान की प्राप्ति होती है। इसदिन माताएं संतान की लंबी उम्र के लिए उपवास रखती हैं। कहा जाता है कि इस व्रत के प्रताप से बच्चे में भगवान कृष्ण की छवि आती है। मान्याता है कि इस दिन 14 बच्चों को भोजन कराना चाहिए। इसके अलावा भगवान श्रीकृष्णकी कृपा प्राप्त होती है।
यशोदा जयंती पूजा विधिः प्रयागराज के आचार्य पं. प्रदीप पाण्डेय के अनुसार इस दिन इस विधि से पूजा करनी चाहिए।
1. यशोदा जयंती के दिन सुबह स्नान ध्यान के बाद माता यशोदा का ध्यान करना चाहिए।
2. भगवान कृष्ण को गोद में लिए हुए माता यशोदा की तस्वीर के सम्मुख बैठकर पूजा करें। ऐसी तस्वीर न हो तो भगवान कृष्ण की तस्वीर के सामने दीपक जलाएं।
3. माता यशोदा के लिए लाल चुनरी चढ़ाएं।
4. इसके बाद माता यशोदा के लिए मिठाई और बाल कृष्ण के लिए मक्खन का भोग लगाएं।
5. इसके बाद माता यशोदा और श्रीकृष्ण की आरती गाएं और गायत्री मंत्र का जाप करें।
6. पूजा संपन्न होने के बाद अपनी मनोकामना माता यशोदा और भगवान कृष्ण के सामने रखें।
माता यशोदा की कथाः माता यशोदा की एक कथा के अनुसार जब पूतना कृष्ण को मारने आई तो श्रीकृष्ण दूध के साथ उसके प्राण का भी पान कर गए। शरीर छोड़ते समय पूतना कृष्ण को लेकर मथुरा की ओर दौड़ी तो माता यशोदा के भी प्राण कृष्ण के साथ चले गए, उनके शरीर में फिर जीवन का संचार तब हुआ जब गोपियों ने फिर कृष्ण को उनकी गोद में रखा।
Updated on:
06 Feb 2023 06:22 pm
Published on:
06 Feb 2023 06:21 pm
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